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पति की शहादत पर लिख डाली 300 पन्ने की किताब:मुजफ्फरनगर की शिवी बोलीं- 30 दिन साथ रहे, बॉर्डर पर गोली से जान जाए या हादसे में, सम्मान बराबर मिले

मुजफ्फरनगर में सेना के शहीद जवान की पत्नी ने पति की शहादत के बाद उनकी याद में 300 पन्ने की किताब लिख डाली। किताब को नाम दिया आशिवी। ये टाइटल पति-पत्नी के नाम आशीष और शिवी से मिलकर बना है। उनका कहना है किताब लिखने का मकसद यही है कि सेना का जवान अगर शहीद होता है तो शहादत में फर्क नहीं होना चाहिए। चाहे वो बॉर्डर पर गोली खाकर शहीद हुआ हो या किसी हादसे में उसकी जान गई हाे। सम्मान हर शहीद को बराबर मिलना चाहिए। खतौली के अंतवाड़ा गांव की शिवी स्वामी की शादी एक साल पहले ही आशीष स्वामी के साथ हुई थी। शादी के बाद वो सिर्फ 20 दिन पति के साथ रहीं। आशीष छुट्टी लेकर घर आए और बैंक जाते समय हादसे में उनकी जान चली गई। आगे की पूरी कहानी शिवी की जुबानी ही पढ़िए शिवी ने बताया- मेरे पति आशीष स्वामी जम्मू-कश्मीर में 58वीं राष्ट्रीय राइफल बटालियन में थे। 18 फरवरी 2024 को हमारी अरेंज मैरिज हुई। शादी के बाद वो 10 दिन साथ रहे। 27 फरवरी को वापस अपनी ड्यूटी जम्मू लौट गये। 4 महीने बाद 30 जून को फिर छुट्टी पर घर आये। 20 जुलाई को अपने घर शुक्रताल से मुजफ्फरनगर शहर आ रहे थे, तभी ट्रैक्टर चला रहे नाबालिग लड़के ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी। ट्रॉली की चपेट में उनके सिर पर चोट लगी। हम लोगों ने आर्मी बेस हॉस्पिटल में उन्हें भर्ती कराया। जहां 15 दिन कोमा में रहने के बाद वो शहीद हो गए। शिवी बताती हैं- मैं उनकी मौत के बाद अकेली पड़ गई, अंदर से टूट गई। कुछ समझ नहीं आ रहा था। कई दिनों तक खुद को कमरे में बंद रखा। लेकिन चूंकि पढ़ने-लिखने का शौक था, तो उसे नहीं मरने दिया। इसी शौक ने मुझे जिंदगी जीने का साहस दिया। चाहकर भी उनको भूलना चाहा लेकिन भूल नहीं सकी। फिर उनकी यादों को शब्दों में पिरोने का निर्णय लिया। मैंने उनके साथ बिताए हर पल और उनकी शहादत को लिखा है। साथ ही बॉर्डर पर शहीद होने वाले और किसी हादसे में शहीद होने के बाद शहीद के सम्मान में जो भेदभाव और अंतर किया जाता है, मैंने उसे भी अपनी किताब में लिखा है। पति को याद कर भावुक हुईं शिवी अपने पति को याद कर शिवी भावुक हो गईं। मोबाइल में उनकी तस्वीर को दिखाती हुई कहती हैं- जब कोई सैनिक सीमा पर या ड्यूटी के दौरान गोली लगने से शहीद होता है तो उसकी देशभक्ति की खूब सराहना होती है। राष्ट्र उन्हें सम्मान देता है, मीडिया में चर्चा होती है। लेकिन सड़क दुर्घटना या अन्य कारणों से जान गंवाने वाले सैनिकों की शहादत अक्सर उपेक्षित रह जाती है। समाज और प्रशासन के नजरिए में उनकी देशभक्ति दबकर रह जाती है। मैं चाहती हूं कि मेरे पति की देशभक्ति को हमेशा याद रखा जाए। किसी भी सैनिक की देशभक्ति को सम्मान मिले। चाहे वह बॉर्डर पर शहीद हो या सड़क हादसे में, उसका बलिदान कभी कम नहीं आंका जाना चाहिए। यह किताब न केवल एक व्यक्तिगत शिकायत है, बल्कि पूरे समाज से एक अपील है कि सैनिकों के परिवारों की अनसुनी आवाज को सुना जाए। चाहे शहादत का कारण कुछ भी हो। हर सैनिक के त्याग को समान सम्मान दिलाना। मेहंदी वाले हाथ देखकर नाम का टाइटल मिला शिवी बताती हैं कि मैंने किताब के नाम के बारे में बहुत सोचा। फिर मुझे अपनी शादी के दिन हाथ में मेहंदी से लिखे आशी और शिवी लिखी तस्वीर दिखी। जिसके बाद मैंने किताब का आशिवी रखा। पहला अक्षर मेरे पति की शहादत को समर्पित है, और उनके नाम पर है, बाकी शिवी में मेरा नाम है। ये किताब अब याद बनकर हमेशा मेरे करीब रहेगी। इसके साथ ही देश के लाखों सैनिकों और युवाओं के लिए भी इसमें बहुत कुछ लिखा है। किताब के कवर पर बैकग्राउंड से शिवी की तस्वीर है जबकि सामने उनके पति आशीष सेना की वर्दी में खड़े हैं। जबकि बैक पेज आशीष की सेना की वर्दी में तस्वीर छपी है। SSP ने 20 हजार की किताबें खरीदीं किताब की संवेदनशीलता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मुजफ्फरनगर के एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने इसे पढ़ने के बाद शिवी के साहस और लेखन की तारीफ की। उन्होंने पुलिस लाइन लाइब्रेरी के लिए किताब की दस कॉपियां 3000 रुपये देकर खरीदीं। एसएसपी ने कहा – यह किताब पुलिसकर्मियों और आम पाठकों को सैनिकों के जीवन, उनके त्याग और उनके परिवारों के संघर्ष को बेहतर समझने में मदद करेगी। ———— ये खबर भी पढ़ें मथुरा हादसा-अपनों को ढूंढ रहे लोग, अब तक 18 मौतें:3 शव परिजनों को सौंपे गए, 15 की पहचान नहीं, DNA टेस्ट होगा मथुरा में यमुना एक्सप्रेस-वे पर हुए हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 18 हो गई है। हादसे वाले दिन (मंगलवार) मरने वालों की संख्या 13 बताई गई थी। लेकिन, मौके से मिली लाशें और उनके अवशेष के बाद यह संख्या बढ़ गई। इनमें से 3 की शिनाख्त होने के बाद उनके शव परिवारवालों को सौंप दिए गए। 15 शवों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट होगा। परिवार से ब्लड सैंपल लिए गए हैं। पूरी खबर पढ़ें


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