फिरोजाबाद में 10 वर्षीय बालिका से दुष्कर्म के मामले में न्यायालय ने पड़ोसी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोषी पर 1.02 लाख रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है। यह घटना शिकोहाबाद थानाक्षेत्र में जून माह में हुई थी। पुलिस और अभियोजन की सक्रिय पैरवी के कारण मात्र 113 कार्यदिवस में यह निर्णय आया। पीड़िता के पिता ने 29 जून को शिकोहाबाद थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया था कि उनकी 10 वर्षीय बेटी शाम छह बजे पड़ोसी के घर सब्जी देने गई थी। तभी दोषी शहजाद उसे नमकीन दिलाने के बहाने घर से दूर ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। विवेचक ने मात्र 37 दिन में जांच पूरी कर 5 अगस्त को शहजाद के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया। मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो अधिनियम) एवं अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मुमताज अली की कोर्ट में हुई। अभियोजन की ओर से एडीजीसी क्राइम अवधेश कुमार भारद्वाज ने पक्ष रखा। न्यायालय ने साक्ष्य और गवाहों के बयानों के आधार पर शहजाद को दोषी पाया। उसे आजीवन कारावास और 1.02 लाख रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया है। पुलिस प्राथमिकी दर्ज करने के बाद शहजाद की तलाश में दबिश दे रही थी, लेकिन वह पकड़ में नहीं आ रहा था। इंस्पेक्टर अनुज कुमार ने बताया कि घटना के लगभग एक सप्ताह बाद उसने कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया था। घटना के बाद बच्ची की तबीयत बिगड़ गई थी। उसे पहले सरकारी ट्रामा सेंटर में उपचार के लिए भर्ती कराया गया। बाद में उसे एसएन मेडिकल कॉलेज आगरा रेफर किया गया, जहां ऑपरेशन के बाद उसकी जान बची। बच्ची आठ दिन तक अस्पताल में भर्ती रहने के बाद घर लौटी थी।
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