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पंजाब नेशनल बैंक में 1.25 करोड़ का गबन:पूर्व बैंक मैनेजर, बैंक मित्र समेत 6 गिरफ्तार, 50 ग्राहकों के रुपए हड़पे

बुलंदशहर में पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) की केएसजीए शाखा में 50 ग्राहकों के 1.25 करोड़ रुपये के गबन का मामला सामने आया है। पुलिस ने इस मामले में शाखा के पूर्व बैंक प्रबंधक और मुख्य साजिशकर्ता बैंक मित्र सहित छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन पर ग्राहकों के खातों से धोखाधड़ी कर धनराशि निकालने और सरकारी धन के गबन का आरोप है। यह धोखाधड़ी नगर के रेलवे रोड स्थित पीएनबी की केएसजीए शाखा में हुई। एक बैंक मित्र ने ग्राहकों के खाते में रुपए जमा करने के बजाय फर्जीवाड़ा करते हुए करीब 1.25 करोड़ रुपये का गबन किया। शाखा प्रबंधक पिंकी रानी ने साइबर थाने में तहरीर दी थी, जिसके बाद साइबर पुलिस ने जांच शुरू की। गहन छानबीन और साक्ष्यों के आधार पर 26 दिसंबर को बैंक प्रबंधक समेत छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान बैंक मित्र आकाश कुमार, पूर्व बैंक प्रबंधक अजय कुमार पासवान, सचिन कुमार, रोचित कुमार, निर्भय सिंह माल्या और अनिकेत कुमार के रूप में हुई है। पूछताछ में मुख्य आरोपी आकाश कुमार ने बताया कि वह वर्ष 2022 से पंजाब नेशनल बैंक की क्षेत्रीय श्री गांधी आश्रम शाखा, बुलंदशहर में बैंक मित्र के रूप में कार्यरत था। उसने सचिन को नौकरी पर रखा था और खुद बैंक के अंदर बैठकर काम करता था। आकाश उन ग्राहकों को निशाना बनाता था जो उसके माध्यम से फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) कराने आते थे। आकाश बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर ग्राहकों के खातों से एफडी के नाम पर रुपये डेबिट करता था। इन रुपयों को वह अपनी मां पूनम, पिता विजय कुमार, भाई अनिकेत, सचिन, निर्भय माल्या, ताऊ कुंवरपाल और भाई के दोस्त रोचित के खातों में ट्रांसफर कर देता था। लेनदेन की प्रविष्टि में वह ‘एफडीआर ट्रांसफर’ अंकित करता था ताकि धोखाधड़ी पकड़ी न जाए। आकाश ने यह भी खुलासा किया कि जिन बैंक अधिकारियों की आईडी का उपयोग एफडीआर बनाने और रुपये ट्रांसफर करने में होता था, उन्हें वह कुछ हिस्सा देता था। पूर्व बैंक मैनेजर अजय पासवान को भी उनके हिस्से की नकदी दी जाती थी। आरोपियों ने मिलकर लगभग 40 से 50 बैंक खातों से ग्राहकों को बताए बिना, बिना वाउचर के और 100 से अधिक बार गलत तरीके से धनराशि का लेनदेन कर गबन किया। इतना ही नहीं, बैंक बिल्डिंग का किराया, जनरेटर खर्च और बिजली का बिल जैसे सरकारी मदों का पैसा भी बैंक अधिकारियों के साथ आपराधिक षड्यंत्र के तहत इन्हीं खातों में लिया गया था। एसपी क्राइम नरेश कुमार ने बताया कि प्राथमिक जाँच के बाद सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। साइबर क्राइम पुलिस ने 1 मोबाइल फोन, 1 सीपीयू, 1 मॉनीटर, 1 की-बोर्ड, 1 माउस, 1 बॉयोमैट्रिक डिवाइस(MORPHO), 1 पासबुक प्रिंटर, 1 लैपटॉप, 1लैपटॉप चार्जर, 1 डॉटा एडाप्टर(airtel xstream fiber), 7 चैक बुक, 0 केंसिल चैक, 1चैक भरा हुआ, 25 जमा पर्ची, 14 पास बुक, 14 मोहर रबर स्टाम्प, 22 फर्जी एफडी छपी हुई, 1 मिस प्रिट एफडी, 5 आधी अधूरी छापी हुई एफडी, 8 खाली एफडी पारुप, 1 लैपटॉप बरामद किया है


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