इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने पंचायत चुनावों में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) लागू करने की मांग वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। न्यायालय ने राज्य निर्वाचन आयोग की प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने से इनकार किया। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने पारित किया। याचिका नरेंद्र कुमार त्रिपाठी द्वारा दाखिल की गई थी। न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया में हस्तक्षेप का कोई ठोस कारण नहीं है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि केवल लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए जारी दिशा-निर्देशों को पंचायत चुनावों पर लागू करने के आधार पर न्यायिक हस्तक्षेप उचित नहीं है। खंडपीठ ने बताया कि एसआईआर प्रक्रिया 18 जुलाई 2025 से पहले ही शुरू हो चुकी है। इसकी अस्थायी मतदाता सूची 23 दिसंबर 2025 को प्रकाशित की जानी है।
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