लखनऊ। भारत विकास परिषद, अवध प्रांत द्वारा आयोजित पांच दिवसीय पंचसूत्रीय कथा महोत्सव का समापन ‘नागरिक कर्तव्य’ विषय पर हुआ। महोत्सव के अंतिम दिन कथा प्रवचन में चैतन्य कौशिक महाराज ने नागरिक कर्तव्यों के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मानव जीवन सृष्टि में सर्वोत्तम है और समाज व प्रकृति हमसे उच्च अपेक्षाएं रखते हैं। महाराज ने स्पष्ट किया कि ट्रैफिक नियमों का पालन, पर्यावरण संरक्षण और समाज के प्रति उचित व्यवहार जैसी छोटी-छोटी बातों में भी कर्तव्यबोध झलकना चाहिए। उन्होंने अनुशासन, संयम और जिम्मेदारी को जीवन के ऐसे सूत्र बताया, जो प्रकृति और जीव-जंतुओं से भी सीखे जा सकते हैं। महोत्सव के माध्यम से परिवर्तन के संदेश कार्यक्रम के मुख्य वक्ता आरएसएस के क्षेत्रीय बौद्धिक प्रमुख मिथलेश ने पंचसूत्रीय कथा महोत्सव के माध्यम से समाज में जागरूकता और परिवर्तन के संदेश की सराहना की। उन्होंने भारत विकास परिषद की इस पहल को प्रशंसनीय बताया। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने मुख्य अतिथि के रूप में संघ के शताब्दी वर्ष का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि संगठन के 100 वर्षों में संकल्पित अनेक कार्य साकार होते दिख रहे हैं, जिनमें श्रीराम मंदिर का निर्माण और भारत का विश्व वैभव की ओर अग्रसर होना शामिल है। उन्होंने कथा के माध्यम से किए जा रहे इस जनजागरण प्रयास को अत्यंत सराहनीय बताया। इस आयोजन में कथा और विचार का संगम दिखा प्रांतीय अध्यक्ष देवेंद्र स्वरूप शुक्ला ने आयोजन की सफलता पर पूरी टीम को धन्यवाद दिया। उन्होंने बताया कि क्षेत्रीय संगठन मंत्री विक्रांत खंडेलवाल के मार्गदर्शन में यह आयोजन संभव हो सका। विक्रांत खंडेलवाल ने भी सभी सहयोगियों, कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर केंद्रीय संस्कार प्रमुख मुकेश जैन, महासचिव एस.के सक्सेना, आर.के भदौरिया, राम औतार सहित अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी और सम्मानित नागरिक उपस्थित रहे। इस आयोजन में कथा, विचार और अनुशासन का संगम देखने को मिला, जिसने उपस्थित जनमानस में जागरूकता और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को मजबूत किया।
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