साइबर अपराधियों ने स्वास्थ्य विभाग अतिरिक्त निदेशक पद से रिटायर्ड अधिकारी से आईजीएल गैस कनेक्शन काटने के नाम पर 1.97 लाख रुपए की ठगी कर ली। ठग ने पहले कॉल कर उन्हें फर्जी आईजीएल अधिकारी से बात करने के लिए दबाव बनाए। इसी दौरान उन्हें एक नंबर से कॉल आई कि वह आईजीएल गैस का बिल जमा नहीं किया है। जिससे उनका कनेक्शन अगले दो घंटे में काट दिया जाएगा। साथ ही उन्हें बिल जमा करने के लिए वॉट्सऐप नंबर पर डेबिट कार्ड की डिटेल मांग ली। ठगों ने उनके बैंक खाते से 1.97 लाख रुपए निकाल लिए। मामले में सेक्टर 113 थाने की साइबर सेल ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस को सेक्टर 76 आम्रपाली सिलिकॉन सिटी सोसाइटी में रहने वाले डॉ राजेश्वर कुमार वत्स ने बताया कि वह लखनऊ स्वास्थ्य भवन से अतिरिक्त निदेशक चिकित्सा पद से रिटायर्ड हूं। पीड़ित के मोबाइल पर इसी महीने 6 दिसंबर को अनजान नंबर से उन्हें कॉल आई। कॉलर ने खुद को आईजीएल कर्मचारी के रूप में जानकारी दी। कनेक्शन काटने की धमकी दी
साथ ही उसने एक नंबर देकर उन्हें कॉल कर बात करने के लिए कहा। पीड़ित ने उसी दिन शाम 6 बजे दिए हुए नंबर पर बात करने की कोशिश को तो वह नंबर व्यस्त बता रहा था। तभी पीड़ित को एक अन्य नंबर से कॉल आई और कॉलर ने बिल नहीं जमा होने पर कनेक्शन काटने की धमकी देने लगा और पीड़ित से एक वॉट्सऐप नंबर पर डेबिट कॉर्ड की जानकारी मांग ली। इसके कुछ घंटे बाद पीड़ित के बैंक अकाउंट से 1 लाख 245 रुपए निकाल लिए। मैसेज आने पर पता चला
इसके बाद पीड़ित के मोबाइल पर बैंक से मैसेज गया तो उन्हें ठगी की जानकारी हुई। हालांकि इसके बाद बैंक की तरफ से बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिया गया है। जिससे ठग बाकी की रकम निकाल नहीं पाए। वहीं पुलिस जांच में सामने आया है कि यह रुपए अहमदाबाद के बैंक अकाउंट में गए हैं। सेक्टर 113 थाने की साइबर सेल की टीम मामले में रकम ट्रांसफर खातों के आधार पर जांच कर रही है।
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