आयकर विभाग द्वारा नोएडा में “आयकर अधिनियम का अनुपालन एवं करदाता सेवा” आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किया गया। ये कार्यक्रम प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त, उत्तर प्रदेश (पश्चिम) एवं उत्तराखंड क्षेत्र, कानपुर के नेत्रत्व में इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया, गौतम बुद्ध नगर शाखा (सीआईआरसी) के सहयोग से विषय पर एक आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अपर्णा करण, प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त, उप्र (पश्चिम) एवं उत्तरा खण्ड क्षेत्र कानपुर द्वारा की गई। कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. शिवदान सिंह भदौरिया, प्रधान आयकर आयुक्त (प्रशासन एवं टीपीएस) कानपुर के स्वागत उद्बोधन से हुई। जिसमें उन्होंने करदाताओं के योगदान और विभाग के लगातार समाधान दृष्टिकोण की सराहना की। कार्यक्रम में वेद प्रकाश, अपर आयकर आयुक्त (टीडीएस), गाजियाबाद एवं जेके गुप्ता, सहायक आयकर आयुक्त (टीडीएस), नोएडा द्वारा आयकर अधिनियम, 1961 एवं साल 2025 के लिए टीडीएस अनुपालन प्रणाली पर विस्तृत जानकारी दी गई। धारा-80 जीजीसी पर की चर्चा
उन्होंने नवीन संशोधित प्रावधानों, निर्धारित समय सीमाओं एवं अनुपालन संबंधी दिशानिर्देशों पर प्रकाश डालते हुए समझाया कि किस प्रकार समयबद्ध अनुपालन से कर प्रशासन में पारदर्शिता सुनिश्चित होती है। उन्होंने फॉरेन असेट्स की जानकारी के प्रकटीकरण, धारा 80 GGC के अंतर्गत राजनीतिक योगदान पर कर प्रावधान, एडवांस टैक्स की समय सीमा एवं गणना प्रक्रिया पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। NUDGE पहल के बारे दी जानकारी
यह भी बताया कि सीबीडीटी ने डेटा-आधारित एवं करदाता-अनुकूल “NUDGE” पहल शुरू की है। जिसका उद्देश्य विश्वास-आधारित और स्पष्ट-मार्गदर्शक कर प्रशासन स्थापित करना है। ताकि कर-अनुपालन सरल एवं सहज हो सके। इसी संदर्भ में आकलन वर्ष 2025–26 के लिए आईटीआर में शेड्यूल एफए/ एफएसआई की सही रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने के लिए सीआईटी ( टीडीएस) प्रभारों को नियोक्ताओं के साथ लक्षित आउटरीच कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश प्रदान किए जा रहे हैं। जिनमें आवश्यकता पड़ने पर FAIU इकाइयों की भागीदारी भी सम्मिलित की जा सकती है। साथ ही आईसीएआई, नैसकॉम और एफआईसीसीआई और सीआईआई एवं अन्य संबद्ध पेशेवर और औद्योगिक संस्थाओं से भी अनुरोध किया जा रहा है। वे अपने सदस्यों के बीच कर-अनुपालन जागरूकता को और अधिक प्रोत्साहित एवं सुदृढ़ करें। औद्योगिक वर्गो का विश्लेषण प्रस्तुत किया
नेहा तोमर, अपर आयकर आयुक्त, रेंज-5(1), नोएडा द्वारा विभिन्न व्यापारिक एवं औद्योगिक वर्गों से प्राप्त अग्रिम कर राजस्व का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत किया गया। इसमें उन्होंने करदाताओं के भुगतान पैटर्न का वर्गानुसार एवं क्षेत्रवार अध्ययन, व्यापारिक क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों की प्रवृत्तियों, कर अनुपालन व्यवहार पर जानकारी दी। उन्होंने ग्राफिकल डाटा के माध्यम से यह दर्शाया कि किस प्रकार विशेष आर्थिक क्षेत्रों में व्यवसायिक वृद्धि एवं राजस्व योगदान में सकारात्मक प्रवृत्तियां उभरकर सामने आई हैं।
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