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नोएडा बिसाहड़ा मामले में मुकदमा वापस लेने की सुनवाई आज:अदालत में अभियोजन पक्ष की ओर से लगाई गई थी अर्जी, सितंबर 2015 में अखलाक की हुई थी हत्या

अपर सत्र न्यायाधीश त्वरित न्यायालय प्रथम में विचाराधीन साल-2015 के चर्चित बिसाहड़ा कांड मामले में सरकार की ओर से मुकदमा वापस की अर्जी पर आज सुनवाई होगी। शासन व संयुक्त निदेश अभियोजन के आदेश के बाद सहायक जिला शासकीय वकील (फौजदारी) द्वारा अदालत में प्रार्थना पत्र दिया है। जिसमें सामाजिक सद्भाव की बहाली को देखते हुए मुकदमा वापस लेने का आदेश पारित करने की अनुमति मांगी है। उत्तर प्रदेश शासन के न्याय अनुभाग-5 (फौजदारी) लखनऊ द्वारा 26 अगस्त 2025 को जारी शासनादेश के अनुसार यह मुकदमा वापस लेने का निर्णय हुआ था। संयुक्त निदेशक अभियोजन गौतमबुद्धनगर ने 12 सितंबर 2025 को पत्र जारी करते हुए जिला शासकीय वकील (फौजदारी) गौतमबुद्धनगर को इस संबंध में कार्रवाई के निर्देश दिए थे। पत्र में कहा गया था कि राज्यपाल महोदया द्वारा अभियोजन वापसी की अनुमति दी गई है। यह कार्रवाई दंड प्रक्रिया संहिता की धारा-321 के तहत की गई है। इसके बाद 15 अक्टूबर को अर्जी लगाई गई थी। क्या था मामला
28 सितंबर 2015 की रात को थाना जारचा क्षेत्र के गांव बिसाहड़ा में गोमांस के सेवन की अफवाह फैलने के बाद भीड़ ने एक घर पर हमला कर दिया था। इस दौरान गांव निवासी अखलाक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। जबकि उसका बेटा दानिश गंभीर रूप से घायल हुआ था। इस घटना ने पूरे देश में सांप्रदायिक तनाव पैदा कर दिया था और बिसाहड़ा गांव सुर्खियों में आ गया था। इस मामले में अखलाक की पत्नी इकरामन ने दस लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी। प्राथमिकी में बताया गया था कि आरोपी लाठी-डंडे और तमंचे लेकर घर में घुस आए और हमला किया। जांच के दौरान पुलिस ने धारा-147, 148, 149, 307, 302, 323, 504, 506, 427, 458 भादंवि और 7 क्रिमिनल लॉ एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। विवेचना में चश्मदीद गवाहों पत्नी इकरामन, मां असगरी, पुत्री शाहिस्ता और पुत्र दानिश के बयान दर्ज हुए थे। शुरूआती बयानों में 10 आरोपियों का नाम आया था, लेकिन बाद के बयानों में गवाहों ने अन्य 16 नाम और जोड़े। सभी आरोपी जमानत पर है बाहर
अखलाक की पुत्री शाहिस्ता के 26 नवंबर 2015 के बयान (धारा 164 सीआरपीसी) में 16 आरोपियों का जिक्र किया गया, जबकि 5 दिसंबर-2012 को दानिश ने 19 लोगों के नाम बताए। विवेचक ने 22 दिसंबर 2015 को 18 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। अभी सभी आरोपी जमानत पर रिहा हैं। केस साक्ष्य चरण में लंबित है।


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