मांगों को लेकर मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन मंच ने नोएडा प्राधिकरण का घिराव किया। बड़ी संख्या में पहुंचे किसानों ने प्राधिकरण का रिसेप्शन बंद कर दिया। इसके बाद गेट नंबर -2 और 3 को भी बंद कर दिया। जिससे रोजमर्रा के काम के लिए आए लोग प्राधिकरण के अंदर नहीं जा सके। किसानों ने कहा कि उनके साथ छल किया गया। बोर्ड में उनके मुद्दों को नहीं रखा गया। किसानों ने कहा कि आबादी विनियमितिकरण के नाम पर उनकी आबादी को टारगेट करके नोटिस भेजे जा रहे है। सुल्तानपुर गांव में कइ आबादी को नोटिस जारी किया गया है। अब तक गांवों के विकास के लिए क्या किया गया इसके बारे में जानकारी तक नहीं दी गई। किसानों ने कहा कि हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिलता है। समय दे दिया जाता है कभी 15 दिन तो कभी एक महीना ये सिर्फ किसानों को बरगलाने का काम कर रहे है। नतीजा अब तक नहीं निकला। किसान दोपहर 12 बजे एकत्रित होना शुरू हो गए थे। इसके बाद उन्होंने प्राधिकरण के गेट को बंद कर दिया। धरने को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल त्यागी ने कहा कि नोएडा प्राधिकरण किसानों को हल्के में लेने की भूलना करें नोएडा प्राधिकरण से इस बार किसान अपना हक लेकर ही वापस जाएंगे इस बार किसान आश्वासनों पर धरना खत्म नहीं करेगा चाहे धरना कितना भी लम्बा क्यों ना चलाना पड़े लेकिन किसान पीछे नहीं हटेंगे। भारतीय किसान यूनियन मंच के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अशोक चौहान ने कहा कि प्राधिकरण के अधिकारियों के द्वारा ही किसानों से बार-बार किए गए समझौते पत्रों में साफ-साफ लिखा है की किसानों का नोएडा प्राधिकरण पर 5 प्रतिशत 10 प्रतिशत के भूखंड, साल 1976 से 1997 के बीच के किसान कोटे के प्लॉट ,आबादी का संपूर्ण निस्तारण जैसे लाभ नोएडा प्राधिकरण पर बकाया है। ये काम अब तक नहीं हो सके। ऐसे में यहां अनश्वित कालीन धरना दिया जाएगा।
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