नोएडा में बन रहे चिल्ला एलिवेटेड रोड के निर्माण में कुछ महीने पहले निर्माण एजेंसी ने घटिया गुणवत्ता की स्टील का इस्तेमाल किया। नोएडा प्राधिकरण ने स्टील नहीं बदलने पर अब एजेंसी पर 10 करोड़ रुपए जुर्माना लगाने का निर्णय लिया है। परियोजना का अब तक 30 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। सीईओ लोकेश एम ने बताया कि की जुर्माना लगाने की प्रक्रिया की जा रही है। मानकों के अनुरूप नहीं लगी रही स्टील
प्राधिकरण ने बतौर 10 करोड़ रुपए लगाई जाने वाली धनराशि परियोजना के भुगतान में रोक ली है। इसके अलावा अब निर्माण में लगने वाली स्टील तय कंपनियों की ही लगाई जाएंगी। प्राधिकरण अधिकारियों का कहना है कि यह स्पष्ट कर दिया गया है कि मानकों के अनुरूप चिह्नित कंपनियों के अलावा किसी दूसरी कंपनी की स्टील एलिवेटेड रोड के निर्माण में नहीं लगाने दी जाएगी। सात बार भेजा गया पत्र
प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि निर्माण कार्यों में तीन स्टील की कंपनियों का चयन कर रखा है। इन कंपनियों में सेल, जिंदल समेत एक अन्य कंपनी है। पूर्व में सेतु निगम ने इन कंपनियों से अलग एक छोटी और कम प्रचारित कंपनी की स्टील को एलिवेटेड रोड के लिए बनाए जा रहे पिलर में इस्तेमाल कर लिया। इसको लेकर प्राधिकरण का पक्ष है कि यह स्टील स्वीकृत मानकों से निम्न है। इसे निरीक्षण के दौरान पकड़ा गया था। इसके बाद सात बार पत्र भेजकर जवाब मांगा गया। आखिर में 10 करोड़ रुपए बतौर जुर्माना कटौती का निर्णय लिया गया है। 5.96 किमी की है एलिवेटेड
नोएडा प्राधिकरण के डीजीएम विजय रावल ने बताया कि मानक और गुणवत्ता निगरानी पर लगातार नजर रखी जा रही है। चिल्ला एलिवेटेड रोड दिल्ली के मयूर विहार फ्लाई ओवर को जोड़ते हुए नोएडा के महामाया फ्लाईओवर तक बनाया जा रहा है। यह एलिवेटेड रोड 5.96 किलोमीटर लंबा बनाया जा रहा है। एलिवेटेड रोड बनाने में करीब 900 करोड़ रुपए का खर्च अनुमानित है।
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