नोएडा बनने के 49 साल बाद भी किसानों व ग्रामीणों की समस्याओं को गंभीरता पूर्वक नहीं लिया जा रहा है। इससे उनकी समस्याओं का निवारण नहीं हो पा रहा है। किसानों की कई पीढ़ी प्राधिकरण कार्यालय के चक्कर लगा कर चली गई हैं। किसान संगठनों की ओर से समय-समय पर आंदोलन तक किया गया, लेकिन किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया है। यह बात सोमवार को भारतीय किसान यूनियन भानु एनसीआर अध्यक्ष सुनील अवाना ने प्राधिकरण ओएसडी महेंद्र प्रसाद से कही। बिना सर्वे किए जमीन अधिग्रहण उनके नेतृत्व में किसानों का प्रतिनिधिमंडल सोमवार को गांव व किसानों की समस्याओं को लेकर सेक्टर-6 स्थित प्राधिकरण कार्यालय पर अधिकारियों के साथ चर्चा करने पहुंचा था। इस मौके पर वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष सुभाष भाटी ने कहा कि किसानों की समस्याओं के निपटारा के लिए हम लगातार आंदोलन करते रहते है,क्योंकि प्राधिकरण ने मौके पर सर्वे किए बिना हमारी आबादियों का अधिग्रहण कर लिया है। पीपी एक्ट के तहत हजारों मुकदमे चलाए जाते है। मुकदमों को वापस लिया जाए। इन मांगों पर करते आए है प्रदर्शन प्रेम सिंह भाटी ने कहा आबादियों को जहां है जैसी है के आधार पर छोड़ा जाए। साल 1997 से पहले किसानों को पांच प्रतिशत विकसित भूखंड नहीं दिए जाते थे। पहले नोएडा की आवासीय योजना में किसानों को आरक्षण दिया जाता था, लेकिन अब पात्र किसान लाभ से वंचित हैं। आवासीय योजना एवं औद्योगिक भूखंड योजना में किसानों का आरक्षण जारी रखा जाए। पांच प्रतिशत के किसानों को अतिक्रमण बता कर उन्हें भूखंड से वंचित किया जा रहा है। सभी किसानों को भूखंड का आवंटन किया जाए। हाई कोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को नजीर मान सभी किसानों को 10 प्रतिशत अतिरिक्त भूखंड आवंटित किए जाए। पांच प्रतिशत के भूखंड में व्यवसायिक करने का नियम बनाया जाए। गांवों का विकास शहर की तर्ज पर किया जाए। नोएडा प्राधिकरण स्कूलों एवं निजी संस्थाओं में स्थानीय बच्चों को नौकरियों में कम से कम 25 प्रतिशत अनिवार्य कोटा निर्धारित किया जाए। गांवों में आबादी बढ़ने के कारण पुराने सीवर पाइप छोटी हो चुकी है, जो चोक हो चुकी है।
https://ift.tt/QkMjDBo
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply