डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में नैक मूल्यांकन की तैयारी को लेकर प्रदेश की कुलाधिपति एवं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। कौटिल्य प्रशासनिक सभागार में हुई इस बैठक में एट्रीब्यूट (मानदंड) 1 से लेकर एट्रीब्यूट 11 तक की प्रगति का पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से गहन परीक्षण किया गया। राज्यपाल ने स्पष्ट कहा कि नैक मूल्यांकन के लिए सभी मानदंडों को निर्धारित मानकों के अनुरूप तैयार किया जाए और प्रस्तुत किया जाने वाला डेटा पूरी तरह प्रमाणित, सुसंगत और अद्यतन हो। बैठक में एट्रीब्यूट-1 के अंतर्गत पीओएस, सीओ, पीएसओ, एकेडमिक काउंसिल, फीडबैक मैकेनिज्म, स्पोर्ट्स मैनेजमेंट, भारतीय भाषा शिक्षण, सीबीसीएस, एनईपी एलाइनमेंट और सेमिनार गतिविधियों की समीक्षा की गई। एट्रीब्यूट-2 में लैब कार्य, शोध गतिविधियां, अयोध्या की प्राचीन सांस्कृतिक विरासत से जुड़े अकादमिक कार्य और असाइनमेंट की स्थिति पर चर्चा हुई। एट्रीब्यूट-3 व 4 के तहत वित्तीय प्रावधानों और खेल गतिविधियों से संबंधित बिंदुओं पर प्रस्तुति दी गई। मानदंड-5 में कोलैबोरेटिव लर्निंग, लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम, पियर्स असाइनमेंट, एग्जामिनेशन रिपोर्ट डे, एकेडमिक ग्रीवेंस सेल और चैलेंज इवैल्यूएशन की प्रगति की समीक्षा की गई। एट्रीब्यूट-6 और 7 के अंतर्गत छात्र परामर्श, स्पोर्ट्स क्लब, सांस्कृतिक व सामाजिक क्लबों के गठन, ग्रीवेंस हैंडलिंग और ई-गवर्नेंस में आवश्यक सुधार के निर्देश दिए गए। एट्रीब्यूट-8 के तहत अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. नीलम पाठक ने स्टूडेंट-डिमांड रेशियो, सीट उपलब्धता, प्रवेश प्रतिशत, प्लेसमेंट मैट्रिक्स और उत्तीर्ण छात्रों के प्रतिशत से संबंधित डेटा प्रस्तुत किया। एट्रीब्यूट-9 में राज्यपाल ने शिक्षकों को शोध परियोजनाओं पर अधिक फोकस करने, केंद्र व राज्य सरकार की शोध योजनाओं में सक्रिय भागीदारी बढ़ाने और शोध पत्र प्रकाशन के लिए प्रेरित किया। साथ ही एट्रीब्यूट-10 और 11 के मानकों की भी समीक्षा कर आवश्यक परिवर्तन के निर्देश दिए। बैठक में कुलपति कर्नल डॉ. बिजेंद्र सिंह, राज्यपाल के विशेष कार्य अधिकारी, कुलसचिव, वित्त अधिकारी, आईक्यूएसी निदेशक सहित बड़ी संख्या में शिक्षक और अधिकारी उपस्थित रहे।
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