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नीले ड्रम में लाश मिली, अब मकान नहीं बिक रहा:मेरठ में मालिक बोला- कोई किराए पर लेने को तैयार नहीं, मुस्कान का सारा सामान बिखरा पड़ा

पति सौरभ राजपूत की हत्या करके नीले ड्रम में सीमेंट से जमा देने वाली मुस्कान 10 महीने से जेल में है। मेरठ के जिस घर में वह पति के साथ 3 साल किराए पर रही। वह अब बिक रहा है। लेकिन देशभर को हिला देने वाले मर्डर की दहशत अभी भी जिंदा है। यही वजह है, न तो कोई इस मकान को किराए पर ले रहा, न कोई इसे खरीदने को तैयार है। एक प्रॉपर्टी डीलर की मदद से दैनिक भास्कर ने इस घर के मालिक ओमपाल सिंह से फोन पर बात की। वह कहते हैं- मेरे बेटे विदेश में रहते हैं। मैं भी उस मकान में नहीं रहता। अब इस मकान को लोग नीले ड्रम से जोड़कर देख रहे। किराए पर भी नहीं लेते, इसलिए बेच रहा हूं। ब्रह्मपुरी की जिस गली में यह मकान है, वहां से सिर्फ 200 मीटर दूर मुस्कान के पिता प्रमोद रस्तोगी भी अपना 2 मंजिला मकान बेच रहे हैं। 70 से 75 लाख रुपए की कीमत लगाई जा रही है। लेकिन खरीदार नहीं मिल रहे। मुस्कान की बड़ी बेटी पीहू को प्रमोद और उनकी पत्नी कविता इसी मकान में पाल रहे। पढ़िए रिपोर्ट… अब 5 पॉइंट में सौरभ मर्डर केस जानिए 1. लंदन में जॉब करने वाले सौरभ राजपूत का मर्डर 3 मार्च की रात को मुस्कान और उसके बायफ्रेंड साहिल शुक्ला ने किया। दोनों रातभर लाश के साथ उसी घर में रहे। सुबह चाकू, सीमेंट और नीला ड्रम मार्केट से खरीदकर लाए। 2. सौरभ की लाश को 4 हिस्सों में काट दिया। फिर उसे तकिया के कवर में पैक करके नीले ड्रम में रख दिया। ऊपर से सीमेंट का घोल बनाकर डाल दिया। प्लानिंग इस ड्रम को फेंकने की थी, मगर भारी होने से साहिल और मुस्कान इसे घर में ही छोड़कर चले गए। 3. 4 मार्च को शिवा ट्रैवल्स से कैब बुक की। फिर ड्राइवर अजब सिंह को लेकर मुस्कान और साहिल हिमाचल और उत्तराखंड में घूमते रहे। ड्राइवर के मुताबिक, वो लोग बियर पीते और बर्फ पर खेलते रहते थे। 17 मार्च तक साहिल-मुस्कान मनाली, शिमला और कसोल घूमते रहे। इसके बाद मेरठ आ गए। 4. 17 मार्च को ही मुस्कान ने अपनी मां कविता को बता दिया कि मैंने सौरभ को मार डाला है। लाश किराए के घर में ही पड़ी हुई है। मुस्कान को लेकर उसके पिता प्रमोद थाने गए। पुलिस ने साहिल को भी अरेस्ट किया। 5. मुस्कान और साहिल को इस घर में लाकर सौरभ की लाश जिस ड्रम में रखी गई थी, उसको बरामद कर लिया। 19 मार्च को कोर्ट में पेश होने के बाद मुस्कान और साहिल को जेल भेजा गया। मेन गेट पर ताला, अंदर सौरभ-मुस्कान का सामान पड़ा दिखा दैनिक भास्कर टीम ब्रह्मपुरी के उस मकान में पहुंची, जहां पर सौरभ की हत्या की गई थी। मकान के नीचे के पोर्शन में सौरभ और मुस्कान अपनी बेटी पीहू के साथ रहते थे। जब हम इस मकान के बाहर पहुंचे, तो मेन गेट पर ताला लगा हुआ था। गेट से अंदर झांककर देखा तो जिस हिस्से में मुस्कान और साहिल रहते थे। वहां बरामदे में आज भी उनका सामान पड़ा हुआ दिखा। मर्डर से कुछ समय पहले ही सौरभ ने मुस्कान के लिए नई वॉशिंग मशीन खरीदी थी, वो भी बरामदे में रखी दिखी। जिस पर धूल की परत जमी हुई थी। बाकी सामान भी जस का तस पड़ा हुआ था। पड़ोसी बोले- अब तो गली में बच्चे भी नहीं खेलते यहां अजीब सी खामोशी थी। हमें इस मकान के अंदर झांकते देखकर एक पड़ोसी अपने घर से बाहर निकल आए। हमने परिचय दिया और बात करने की कोशिश की। लेकिन उन्होंने कैमरे पर कुछ भी बोलने से मना कर दिया। इस मकान के 2 हिस्से हैं। एक हिस्से में मुस्कान और सौरभ रहते थे। मर्डर होने के बाद हम लोगों को यकीन नहीं हुआ था कि मुस्कान ने ऐसा किया होगा। मगर जो सच्चाई सामने आई, उसके बाद तो हर रिश्ते से भरोसा उठ गया। पहले तो मोहल्ले में हर शाम को बच्चे खेला करते थे। छुटिट्यों में तो दिनभर धमाल होता था। लेकिन सौरभ की हत्या के बाद गली की रौनक ही खत्म हो गई। अब रविवार को भी बच्चे बाहर खेलने नहीं निकलते। शायद उनके मां-बाप भी डरे रहते हैं। सब्जीवाले बोले- हत्या के बाद कई महीने लोगों ने सामान नहीं खरीदा
इस मकान से कुछ दूरी पर एक व्यक्ति सब्जी बेचते हुए दिखा। बातचीत में हरदयाल बताते कि वो रेगुलर यहां सब्जी बेचने आते हैं। लोग खूब खरीदारी करते थे। मगर सौरभ की हत्या होने के बाद बहुत कुछ बदल गया। कई महीने तक तो लोग सब्जी लेने भी नहीं आते थे। कोई आता था तो बस थोड़ा सामान लेकर तुरंत घर के अंदर चला जाता था। धीरे-धीरे अब लोग बातचीत करने लगे हैं। कुछ सब्जी वगैरह भी फिर से बिकने लगी है। लोग बोले- गली को सब मुस्कान के नाम से जानते हैं
इस गली से बाहर आते ही एक किराने की दुकान पर कुछ लोग बात करते हुए दिखे। यहां खड़े पंकज कुमार कहते हैं- मैं भी इसी गली में रहता हूं। इस मर्डर के बाद तो अब अगर कोई रिश्तेदार आता है तो कहता है कि एक बार वो घर दिखा दो, जिसमें मुस्कान ने सौरभ को मार डाला। अब इस गली का असली नाम लोग भूल चुके हैं। सब मुस्कान-सौरभ के नाम से ही इस गली को जानते हैं। एड्रेस भी उन्हीं के नाम से पूछते हैं। अब आप खुद हालात का अंदाजा लगा लीजिए। यहीं बातचीत करते हुए हमें दुकानदार ने एक प्रॉपर्टी डीलर का नंबर दिया। जिसे ओमपाल सिंह ने अपना मकान का बिकवाने के लिए कहा था। प्रॉपर्टी डीलर बोले- 200 वर्ग गज में बना है मकान अब हम गली से बाहर निकलकर एक प्रॉपर्टी डीलर राजू के ऑफिस में पहुंचे। डीलर कहते हैं- ओमपाल का मकान 200 वर्ग गर्ज में बना हुआ है। कंस्ट्रक्शन भी अच्छा है। मकान 2 हिस्सों में बना है। जिसमें मर्डर हुआ, वो पिछले 10 महीने से दोबारा किराए पर नहीं उठा। क्योंकि वहां कोई रहना नहीं चाहता है। बगल के प्लॉट पर बने मकान में लोग रहते हैं। ओमपाल खुद भी यहां नहीं रहते। उनके बच्चे विदेश में बसे हुए हैं। इसलिए वो अपना मकान बेचना चाहते हैं। उन्होंने 75 लाख रुपए की डिमांड रखी है। मुस्कान के पिता ने फिर ‘मकान बिकाऊ है’ पोस्टर लगाया
इधर 4 दिसंबर को एक बार फिर प्रमोद रस्तोगी ने अपने मकान पर ‘बिकाऊ है’ का पोस्टर लगा दिया। दरअसल, 4 नवंबर को इस घर पर ‘बिकाऊ है’ का पोस्टर लगा था। 16 दिन में 4-5 खरीदार इस मकान को खरीदने के लिए आए, लेकिन सौदा नहीं हो सका। इसके पीछे 3 कारण बताए जा रहे हैं। पहला- लोगों में आज भी मुस्कान ने जिस तरह से पति को मार डाला, उसकी दहशत है। दूसरा- लोग इस परिवार और उससे जुड़ी प्रॉपर्टी को अपशगुन और विवाद से जोड़कर देख रहे। तीसरा- मार्केट वैल्यू से इस मकान की कीमत ज्यादा बताई जा रही। इस मकान की कीमत 75 लाख रुपए रखी गई है। ‘बिकाऊ है’ का पोस्टर लगाने के 3 दिन बाद ही हटा लिया गया था। अब एक बार फिर इस मकान पर पोस्टर लगा दिया गया है। जेल में बेटी की देखभाल कर रही मुस्कान
मुस्कान ने एक बेटी को जन्म दिया है, जिसका नाम राधा रखा है। जेल में इस समय मुस्कान बेटी की देखभाल कर रही है। मगर परिवार का कोई सदस्य उससे मिलने नहीं पहुंचा है। जेल प्रशासन के मुताबिक, मुस्कान से कोई काम नहीं कराया जा रहा। उसके बॉयफ्रेंड ने मुस्कान की बेटी को देखने की इच्छा जाहिर की थी। हालांकि, उसे अनुमति नहीं मिली थी। सौरभ हत्याकांड में अब तक 15 गवाहों की गवाही हो चुकी है। मुस्कान ने बेटी होने के बाद दोबारा अपनी जमानत के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल नहीं की है। …. ये ग्राउंड रिपोर्ट पढ़िए- नीले ड्रम वाली मुस्कान का घर कोई खरीदना नहीं चाहता: 8 महीने बाद भी दहशत, लोग प्रॉपर्टी को मनहूस मान रहे मेरठ के सौरभ का मर्डर 8 महीने पहले हुआ था। मगर अब तक लोगों के जेहन में मुस्कान और नीले ड्रम की दहशत बनी हुई है। नतीजा ये हुआ कि मुस्कान के माता-पिता शहर छोड़कर कहीं और शिफ्ट होना चाहते हैं। मगर उनका ब्रह्मपुरी का 2 मंजिला मकान कोई खरीदने नहीं आ रहा है। पढ़िए पूरी खबर…


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