गोंडा के निलंबित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) अतुल कुमार तिवारी की याचिका पर लखनऊ उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई है। न्यायमूर्ति मनीष माथुर की खंडपीठ ने सरकार द्वारा दो बार ब्योरा दाखिल न करने पर कड़ी नाराजगी जताई है कोर्ट ने सरकार को सोमवार तक अंतिम अवसर देते हुए कहा कि यदि तब तक ब्योरा दाखिल नहीं किया गया, तो याचिका पर निर्णय लिया जाएगा। ब्योरा दाखिल न होने के कारण निलंबित BSA अतुल कुमार तिवारी को अभी तक उच्च न्यायालय से कोई राहत नहीं मिली है। अतुल कुमार तिवारी ने अपनी याचिका में निलंबन आदेश रद्द कर उन्हें पुनः जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के पद पर बहाल करने की मांग की है। कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि इस पूरे मामले में अब तक क्या कार्रवाई की गई है।BSA अतुल कुमार तिवारी को रिश्वतखोरी के एक मामले में निलंबित किया गया था। शिकायतकर्ता मनोज कुमार पांडे ने आरोप लगाया था कि स्कूलों में फर्नीचर सप्लाई के टेंडर प्रक्रिया के नाम पर तिवारी ने उनसे 22 लाख रुपये की रिश्वत ली थी। पांडे के अनुसार, रिश्वत लेने के बावजूद उन्हें काम नहीं दिया गया। उनकी फर्म को ब्लैकलिस्ट कर गलत आरोप लगाकर नगर कोतवाली में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। इस मामले में अतुल कुमार तिवारी सहित तीन लोगों के खिलाफ नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज है।शासन ने अतुल कुमार तिवारी को 11 नवंबर को निलंबित किया था। उनके खिलाफ विभागीय जांच भी चल रही है। इसी निलंबन को वापस लिए जाने की मांग को लेकर अतुल कुमार तिवारी ने उच्च न्यायालय का रुख किया है।
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