गोंडा में निलंबित बीएसए अतुल कुमार तिवारी समेत तीन लोगों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच बेसिक शिक्षा विभाग के असहयोग के कारण अटकी हुई है। नगर कोतवाली में फर्नीचर आपूर्ति में भ्रष्टाचार के आरोप में कोर्ट के आदेश पर मनोज कुमार पांडे ने बीते 4 नवंबर को इन तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले की जांच सीओ नगर आनंद राय कर रहे हैं। जांच शुरू हुए 38 दिन बीत चुके हैं, लेकिन पुलिस को अभी तक बेसिक शिक्षा विभाग से अपेक्षित सहयोग नहीं मिला है। सीओ आनंद राय ने विभाग को 10 से अधिक नोटिस भेजकर फर्नीचर खरीद से संबंधित पत्रावलियां उपलब्ध कराने को कहा है, ताकि आरोपों की जांच पूरी कर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया जा सके। गोंडा के नए बीएसए अमित कुमार सिंह को भी सीओ सिटी आनंद राय ने अब तक तीन बार पत्र भेजा है। हाल ही में उन्हें एक और अनुस्मारक भेजा गया है, जिसमें सभी संबंधित पत्रावलियां तुरंत उपलब्ध कराने को कहा गया है, लेकिन विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई है। वादी मनोज कुमार पांडे ने इस मामले में अपना बयान दर्ज करा दिया है और पुलिस से लगातार कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह भ्रष्टाचार का गंभीर मामला है, फिर भी आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है, जबकि सरकार ने भी इस संबंध में कार्रवाई की है। सीओ आनंद राय ने बताया कि पत्रावलियां उपलब्ध कराने के लिए विभाग को बार-बार नोटिस दी जा रही है। उन्होंने कहा कि अंतिम अनुस्मारक भेजा गया है और जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जबकि इसी भ्रष्टाचार के मामले को लेकर के बीते 11 नवंबर को ही शासन द्वारा तत्कालीन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार तिवारी को निलंबित किया जा चुका है। इन्हें फिलहाल लखनऊ हाई कोर्ट से और किसी अन्य जगह से राहत भी नहीं मिली है। ना ही इन लोगों को अभी तक अग्रिम जमानत मिल है लेकिन फिर भी पुलिस द्वारा इन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है।
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