रिश्वतखोरी के आरोप में निलंबित किए गए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) अतुल कुमार तिवारी की याचिका पर आज लखनऊ हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। जस्टिस मनीष माथुर की बेंच कोर्ट नंबर 1 में इस मामले की सुनवाई करेगी। यह याचिका सुनवाई के लिए पहले नंबर पर सूचीबद्ध की गई है। इससे पहले, 8 दिसंबर को जस्टिस मनीष माथुर की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए सरकार के रवैये पर नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने सरकार को आज तक का अंतिम मौका दिया था और कहा था कि यदि बुधवार तक स्पष्ट जवाब दाखिल नहीं किया गया, तो कोर्ट स्वयं निर्णय लेगा। आज निलंबित बीएसए अतुल कुमार तिवारी की याचिका पर कोर्ट का फैसला आने की संभावना है। 28 नवंबर को भी जस्टिस मनीष माथुर की खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार और शिक्षा विभाग को मामले का विस्तृत ब्योरा दाखिल करने का निर्देश दिया था। हालांकि, सरकार ने दो सुनवाई तक ब्योरा दाखिल नहीं किया और 8 दिसंबर को सुनवाई के दौरान इसे प्रस्तुत किया। सरकार द्वारा दाखिल किए गए ब्योरे में स्पष्टता की कमी के कारण कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की और आज स्पष्ट ब्योरा मांगा है। यह मामला शिकायतकर्ता मनोज कुमार पांडेय के आरोपों से जुड़ा है। पांडेय ने आरोप लगाया था कि अतुल कुमार तिवारी ने स्कूलों में फर्नीचर सप्लाई के टेंडर प्रक्रिया के नाम पर उनसे 22 लाख रुपये की रिश्वत ली थी। रिश्वत लेने के बावजूद उन्हें काम नहीं दिया गया, बल्कि उनकी फर्म को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया और गलत आरोप लगाकर नगर कोतवाली में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। इस मामले में अतुल कुमार तिवारी सहित तीन लोगों के खिलाफ नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज है। शासन ने उन्हें 11 नवंबर को निलंबित किया था और उनके खिलाफ विभागीय जांच भी जारी है। अतुल कुमार तिवारी ने अपने निलंबन को रद्द कर बहाल करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट का रुख किया है।
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