लखनऊ के व्यस्त निरालानगर और भिठौली रेलवे क्रॉसिंग पर लंबे समय से उठ रही अंडरपास निर्माण की मांग अब पूरी होने की दिशा में बढ़ गई है। दोनों स्थानों पर अंडरपास बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। इन परियोजनाओं पर कुल 120 करोड़ रुपये खर्च होंगे और इसका लाभ रोजाना करीब 50 हजार यात्रियों और राहगीरों को मिलेगा, जो इन क्रॉसिंगों पर घंटों जाम में फंस जाते हैं। विधायक की पहल पर मिली मंजूरी निरालानगर और भिठौली क्रॉसिंग पर अंडरपास निर्माण की मांग विधायक डॉ. नीरज बोरा की ओर से लगातार उठाई जा रही थी। कुछ समय पहले उन्होंने इस संबंध में पूर्वोत्तर रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक गौरव अग्रवाल को पत्र भेजकर क्रॉसिंगों पर बढ़ते दबाव और यातायात समस्याओं की ओर ध्यान दिलाया था। इसी के बाद रेलवे प्रशासन ने दोनों स्थानों पर अंडरपास के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। रेलवे और सेतु निगम मिलकर करेंगे निर्माण परियोजना को पूरा करने के लिए पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन और सेतु निगम संयुक्त रूप से काम करेंगे। सेतु निगम की टीम परियोजना की फीजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करेगी। निर्माण का पूरा कार्य भी सेतु निगम की ओर से ही होगा। निर्माण खर्च का भुगतान रेलवे प्रशासन करेगा। रेलवे अधिकारियों के अनुसार जल्द ही साइट निरीक्षण और तकनीकी परीक्षण के बाद कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जाएगा। इतनी होगी अंडरपास की लंबाई रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि प्रस्तावित निर्माण में— • निरालानगर क्रॉसिंग पर करीब 200 मीटर लंबा अंडरपास बनाया जाएगा। • भिठौली क्रॉसिंग पर लगभग 150 मीटर लंबा अंडरपास निर्माण प्रस्तावित है। अधिकारियों का कहना है कि इन अंडरपासों के बन जाने से सड़क यातायात सुगम होगा और रेलवे फाटक बंद होने से होने वाला जाम लगभग खत्म हो जाएगा। 50 हजार लोगों को सीधी राहत दोनों क्रॉसिंगों से रोजाना भारी संख्या में लोग आवागमन करते हैं—कामकाजी लोग, विद्यार्थी, कारोबारी और स्थानीय निवासी। फाटक बंद होने पर लंबे समय तक लगने वाला इंतजार अब अंडरपास बन जाने के बाद खत्म हो जाएगा, जिससे प्रतिदिन लगभग 50 हजार लोगों को सीधी राहत मिलेगी।
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