गोंडा में निलंबित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार तिवारी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। निदेशक बेसिक शिक्षा प्रताप सिंह बघेल द्वारा उन्हें रिश्वतखोरी के मामले में बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस जारी किया गया था। लेकिन दो बार नोटिस जारी किए जाने के बावजूद अतुल कुमार तिवारी निदेशालय बेसिक शिक्षा विभाग, लखनऊ में अपना बयान दर्ज कराने नहीं पहुंचे। इसे लेकर निदेशालय में भी नाराजगी देखी जा रही है। निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने इस पर न केवल नाराजगी जताई, बल्कि निलंबित बीएसए को जमकर फटकार भी लगाई है। वहीं, रिश्वतखोरी के मामले में मुकदमा दर्ज कराने वाले मनोज कुमार पांडे को भी बयान देने के लिए निदेशक द्वारा नोटिस जारी कर तलब किया गया था। मनोज कुमार पांडे ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से लिखित रूप से बयान निदेशक प्रताप सिंह बघेल को भेजा है, जिसे उनके वकील ने रिसीव भी करवा दिया है। शिकायतकर्ता का बयान मिलने के बाद निलंबित बीएसए की मुश्किलें और बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं, क्योंकि वे लगातार सरकारी नियमों की अवहेलना कर रहे हैं। प्रभारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रामखेलावन सिंह से भी निदेशालय द्वारा पूरे मामले से जुड़े कई कागजात मांगे गए हैं। रामखेलावन सिंह ने बताया, “मेरे द्वारा सभी कागजात निदेशालय को उपलब्ध कराए जाएंगे। कई कागजात हमने पहले ही उपलब्ध करवा दिए हैं। पूरी तरह से निदेशालय के आदेशों का पालन किया जा रहा है। बयान देने के लिए जब नोटिस आया था, तो हमने दोनों लोगों को सूचित कर दिया था। अब जब वे बयान देने नहीं पहुंचे हैं, तो इसमें हम क्या कह सकते हैं। निदेशालय ने दोनों जिला समन्यवकों के बारे में भी जानकारी मांगी है, जो हम उपलब्ध करा रहे हैं।”
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