कुशीनगर के रामकोला थाना क्षेत्र में एक निजी अस्पताल में डिलीवरी के बाद एक महिला की मौत हो गई। परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया है। पुलिस ने तहरीर के आधार पर संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। सोहरौना निवासी अनिल कुशवाहा ने 21 नवंबर 2025 को रात 9 बजे अपनी भाभी पूनम देवी (पत्नी महेंद्र कुशवाहा) को रामकोला के गीतांजलि अस्पताल में डॉ. अरविंद कुमार शर्मा के यहां भर्ती कराया था। पूनम की डिलीवरी होनी थी। डॉक्टर ने ऑपरेशन की बात कहते हुए 40 हजार रुपये जमा कराए थे। रात लगभग 11 बजे पूनम को ऑपरेशन थिएटर ले जाया गया। परिजनों का आरोप है कि ऑपरेशन के बाद मरीज की हालत बिगड़ती चली गई। 22 नवंबर 2025 को दोपहर 12 बजे जब मरीज के शरीर में कोई हलचल नहीं हुई, तो डॉक्टर ने उसे कसया के सरस अस्पताल रेफर कर दिया। परिजनों के अनुसार, डॉक्टर ने भर्ती और रेफर के कागजात देने से इनकार कर दिया और व्हाट्सएप पर भेजने की बात कही। इसके बाद एंबुलेंस बुलाकर पूनम को कसया भेज दिया गया। कसया के सरस अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने पूनम को मृत घोषित कर दिया और बताया कि उसकी मौत काफी पहले हो चुकी थी। इसके बाद परिजन शव लेकर घर लौटे और रामकोला थाने में तहरीर दी। पुलिस मौके पर पहुंची, पंचनामा भरा और शव को पोस्टमार्टम के लिए ले गई। पुलिस ने तहरीर के आधार पर संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। मृतक पूनम देवी की शादी दिसंबर 2020 में हुई थी। उनकी एक तीन साल की बेटी है। 21 नवंबर 2025 को ऑपरेशन के दौरान उन्होंने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया, जिनमें से एक लड़की है और वह इस समय जिला अस्पताल में भर्ती है। इस मामले में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी एस.के. विश्वकर्मा ने बताया कि उन्होंने गीतांजलि अस्पताल का दौरा किया था, जहां संचालक अरविंद शर्मा मौजूद नहीं थे। अस्पताल पर एक नोटिस चस्पा किया गया है, जिसमें बताया गया है कि डॉ. अरविंद शर्मा 22 नवंबर 2025 से 30 नवंबर 2025 तक अस्पताल में नहीं बैठेंगे। डॉ. अरविंद शर्मा से टेलीफोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका फोन बंद मिला।
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