ग्रेटर नोएडा के सिरसा गांव में विवाहिता निक्की भाटी की जलाकर हत्या के मामले में आरोपी ससुर सतवीर की जमानत अर्जी शुक्रवार को सत्र न्यायाधीश अतुल श्रीवास्तव की अदालत ने खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि मामले की प्रकृति अत्यंत गंभीर है और ऐसे चरण पर आरोपी को रिहा करना उचित नहीं होगा। कोर्ट ने यह भी माना कि सतवीर के बाहर आने पर साक्षियों को प्रभावित करने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। इससे पहले इस केस में मृतका के जेठ रोहित की जमानत भी खारिज हो चुकी है, जबकि सास दया और पति विपिन की अर्जी अभी तक दायर नहीं की गई है। जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) ब्रहमजीत सिंह और मृतका पक्ष के अधिवक्ता दिनेश कल्सन, संतोष बंसल और उधम सिंह तोंगड़ ने अदालत को बताया कि आरोपी सतवीर की किराना दुकान घर के नीचे ही है, इसलिए उसके घटनास्थल पर न होने की संभावना बहुत कम है। उन्होंने कहा कि निक्की एक वर्ष पहले पंचायत के जरिए ससुराल लौटी थी, जिससे परिवार में पहले से तनाव था। इसलिए आरोपी की संलिप्तता के पर्याप्त आधार मौजूद हैं। मेडिकल रिपोर्ट और FIR में गंभीर आरोप
अदालत ने पाया कि मृतका की बहन ने आरोपी पर स्पष्ट आरोप लगाए हैं और सतवीर नामजद है। विवेचना के दौरान बयान, प्रथम सूचना रिपोर्ट और चिकित्सीय रिपोर्ट से यह सामने आया कि सतवीर पर लगे आरोप गंभीर प्रकृति के हैं। कोर्ट ने कहा कि यह नहीं कहा जा सकता कि आरोपी घटना में शामिल नहीं था, और यदि उसे रिहा किया गया तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकता है, जिससे निष्पक्ष सुनवाई प्रभावित होगी। इन सभी तथ्यों को देखते हुए अदालत ने आरोपी की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया।
निक्की भाटी की जलाकर हत्या का आरोप उसके पति, जेठ, सास और ससुर पर है।
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