कानपुर में मकान खरीदने वाले मकान मालिकों को नगर निगम ने बड़ी राहत दी है। नगर निगम की कार्य समिति की बैठक में नए रेट तय कर दिए गए हैं। अब नए मकान खरीदने वाले गृह स्वामियों से नामांतरण के लिए सिर्फ 6500 रुपए ही शुल्क के तौर पर जमा कराए जाएंगे। इससे शहर के 4.5 लाख गृह स्वामियों को राहत मिली है। अभी तक मकान मालिकों को सर्किल रेट के हिसाब से शुल्क देना पड़ता था, जिसमें हर मकान का नामांतरण शुल्क अलग-अलग तय होता था। वहीं बड़े और महंगे मकान खरीदने वाले लोगों का नामांतरण शुल्क लाखों में पहुंच जाता था। इस कारण लोगों को आर्थिक परेशानियों का सामाना करना पड़ता था। सर्किल रेट का 1% था शुल्क अभी तक कानपुर में नया मकान खरीदने वाले मकान मालिकों से सर्किल रेट का 1% शुल्क के तौर पर वसूला जाता था। यानी अगर किसी मकान या भवन का सर्किल रेट एक करोड़ रुपए है, तो उसे शुल्क के तौर पर 1 लाख रुपए जमा करने पड़ते थे। वहीं 40 लाख के मकान के लिए 40 हजार रुपए देने पड़ते थे। लेकिन अब उन्हें तय शुल्क 6500 रुपए ही जमा करने होंगे। 2018 के बाद बदले गए हैं नियम नगर निगम ने संपत्तियों के नामांतरण शुल्क के लिए 2018 में रेट तय किए थे। जिसमें डीएम सर्किल रेट को आधार मानते हुए एक प्रतिशत शुल्क लेना तय किया गया था। लेकिन बीते दिनों विधान परिषद सदरस्य अरुण पाठक ने इस पर आपत्ति उठाई थी। उन्होंने नगर विकास मंत्री एके शर्मा के सामने नई संपत्ति में डीएम सर्किल रेट एक फीसद कम करने का प्रस्ताव रखा।इस मामले में शासन ने सभी नगर निगम से नामांतरण शुल्क एक रखने का शासनादेश जारी किया था। जिसके बाद कानपुर नगर निगम ने शहरवासियों के लिए नए रेट तय करके इसको लागू कर दिया है। कानूनी वारिस का शुल्क भी घटा नगर निगम के नए नियमों के तहत कानूनी वारिस और पंजीकृत वसीहत का शुल्क भी घटा दिया गया है। पहले वसीयत वाली संपत्तियों में के लिए भवन स्वामियों को पांच हजार रुपए शुल्क देना होता था। जिसके बाद इसे भी कम किया गया है। इसमें पंजीकृत वसीयत व कानूनी वारिस के तहत 1000 वर्ग गज तक 1000 रुपए, 1000-2000 वर्ग गज तक 2000 रुपए, 2000-3000 वर्ग गज तक के मकानों में 3000 रुपए ओर 3000 वर्ग गज से अधिक के मकानों के लए पांच हजार रुपए शुल्क तय किया गया है। 45 दिन के अंदर हो जाएगा नामांतरण मेयर प्रमिला पांडेय ने बताया कि नगर निगम की कार्यसमिति ने फैसला लिया है कि सभी संपत्तियों के नामांतरण के लिए 6500 रुपए शुल्क लिया जाएगा। इसमें 1000 रुपए नामांतरण का आवेदन शुल्क, 500 रुपए विज्ञापन शुल्क और 5000 रुपए नगर निगम का शुल्क है। आवेदन के 45 दिन के अंदर नामांतरण हो जाएगा और आवेदन को दस्तावेज सौंप दिए जाएंगे। मेयर ने बताया कि इसमें सदन की स्वीकृति के बाद आम लोगों से आपत्ति मांगी जाएगी, जिसके निस्तारण किए जाएंगे। सभी आपत्तियों के निस्तारण होने के बाद नए शुल्क को लागू कर दिया जाएगा। यह व्यवस्था लागू होने में अभी लगभग दो महीनों का समय लगेगा।
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