सोनभद्र में नाबालिग से दुष्कर्म और गर्भपात कराने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट अमित वीर सिंह की अदालत ने शुक्रवार को फैसला सुनाया। अदालत ने दोषी जुल्फिकार उर्फ कल्लू को 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। उस पर 50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। अर्थदंड अदा न करने पर उसे 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अर्थदंड की राशि में से 40 हजार रुपये पीड़िता को दिए जाएंगे। इसी मामले में तीन अन्य आरोपी राजा, राजकुमार सिंह और आंचल मौर्या को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया गया। अभियोजन पक्ष के अनुसार, घोरावल कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी पीड़िता के पिता ने 23 सितंबर 2024 को घोरावल कोतवाली में तहरीर दी थी। उन्होंने बताया था कि वह और उनकी पत्नी मजदूरी करने के लिए घर से बाहर जाते थे। इसी दौरान जुल्फिकार उर्फ कल्लू (पुत्र इजहार, निवासी बनौरा, थाना पन्नूगंज, जिला सोनभद्र, वर्तमान पता ग्राम जुड़िया, थाना घोरावल, जिला सोनभद्र) ने उनकी 16 वर्षीय नाबालिग बेटी को बहला-फुसलाकर करीब दो साल तक शारीरिक संबंध बनाए। जब बेटी गर्भवती हो गई, तो 23 सितंबर 2024 को कल्लू उसे घर से ले जाकर जबरदस्ती गर्भपात करा दिया। इस तहरीर के आधार पर घोरावल कोतवाली पुलिस ने 24 सितंबर 2024 को दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। विवेचना के दौरान राजा, राजकुमार सिंह और आंचल मौर्या के नाम भी सामने आए। पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने जुल्फिकार उर्फ कल्लू, राजा, राजकुमार सिंह और आंचल मौर्या के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था। अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, 8 गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने के बाद यह फैसला सुनाया।अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील दिनेश प्रसाद अग्रहरि, सत्यप्रकाश त्रिपाठी व नीरज कुमार सिंह ने बहस की।
https://ift.tt/84fIEF0
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply