जालौन के कदौरा थाना क्षेत्र के एक गांव में नाबालिग से छेड़खानी के मामले में पॉक्सो कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार देते हुए पांच वर्ष के कठोर कारावास और 15 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है। बुधवार को सुनाए गए इस फैसले से पीड़ित परिवार को न्याय मिला है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता रणकेन्द्र सिंह भदौरिया एवं विश्वजीत सिंह गुर्जर ने बताया कि पीड़िता के पिता ने 7 अक्टूबर 2020 को कदौरा थाना पुलिस को तहरीर देकर घटना की जानकारी दी थी। तहरीर के अनुसार 6 अक्टूबर 2020 को उसकी नाबालिग बेटी घर पर अकेली थी। उसी दौरान गांव का ही निवासी मुकेश उसके घर में घुस आया और उसके साथ छेड़खानी करने लगा। पीड़िता के शोर मचाने पर आसपास के लोग मौके पर पहुंच गए, जिससे घबराकर आरोपी मौके से फरार हो गया। शिकायत के आधार पर थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ छेड़खानी और पॉक्सो एक्ट सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी मुकेश को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। विवेचना पूर्ण होने के बाद 30 मार्च 2022 को पुलिस द्वारा पॉक्सो न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया। मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से वादी समेत अन्य गवाहों के बयान न्यायालय में दर्ज कराए गए। अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों और गवाहों के बयानों के आधार पर अदालत में लंबी सुनवाई चली। बुधवार को विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट मोहम्मद कमर की अदालत में पक्ष और विपक्ष के अधिवक्ताओं की बहस पूरी होने के बाद फैसला सुनाया गया। न्यायालय ने सभी साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर आरोपी मुकेश को दोषी ठहराते हुए उसे पांच वर्ष के कारावास की सजा तथा 15 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया। अदालत के इस फैसले से यह स्पष्ट संदेश गया है कि नाबालिगों के साथ अपराध करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
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