आजमगढ़ में नाबालिग किशोरी के अपहरण तथा दुष्कर्म के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने आरोपी को 7 वर्ष के सश्रम कारावास तथा 11500 अर्थदंड की सजा सुनाई। यह फैसला पॉक्सो कोर्ट के जज संतोष कुमार यादव ने बुधवार को सुनाया। अभियोजन कहानी के अनुसार जहानागंज थाना क्षेत्र की एक गांव से 13 वर्षीया पीड़िता 3 मार्च 2016 की रात 8:00 बजे शौच के लिए घर से निकली। तभी गांव का पवन राजभर उसे बहला फुसलाकर भगा ले गया। पवन राजभर पीड़िता को लेकर मुंबई गया और दो महीने तक उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता के बहुत अनुनय विनय करने पर मई 2016 में उसके गांव के पास छोड़कर चला गया। इस मामले में पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद आरोपी के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित किया। जिसके आधार पर इस मामले में कोर्ट ने सजा सुनाई है। 6 गवाहों की हुई गवाही इस मामले में अभियोजन पक्ष की तरफ से विशेष लोक अभियोजक अवधेश मिश्रा तथा दौलत यादव ने कुल छह गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी पवन राजभर को 7 वर्ष के सश्रम कारावास तथा 11500 रूपये अर्थ दंड की सजा सुनाई।
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