मुजफ्फरनगर के शुक्रतीर्थ में आयोजित कथित सनातन धर्म संसद में शामिल हुईं मुस्लिम सनातनी महिला नाजिया इलाही खान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में उन्होंने इस्लाम और मुस्लिम समुदाय पर कई टिप्पणियां की हैं। वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर आलोचनाओं का दौर जारी है। वायरल वीडियो के अनुसार, नाजिया इलाही खान ने दावा किया कि दिल्ली से मुजफ्फरनगर आने के दौरान उन्हें “लंबा कुर्ता-छोटा पजामा पहनने वाले” तथा “टोपी लगाए मुसलमान” बड़ी संख्या में दिखाई दिए। उन्होंने कथित तौर पर इन्हें “खटमल” और “दीमक” जैसे शब्दों से संबोधित किया। वीडियो में नाजिया कहती नजर आती हैं कि “जिस तरह दीमक सब कुछ खत्म कर देती है, उसी तरह ये एक दिन ब्रह्मांड को खा जाएंगे।” इस टिप्पणी पर सोशल मीडिया में भारी नाराजगी जताई जा रही है। नमाज और हनुमान चालीसा पर बयान नाजिया इलाही ने वीडियो में दावा किया कि जब मुसलमान दिन में पांच बार नमाज अदा कर सकते हैं, तो हिंदू रोज हनुमान चालीसा क्यों नहीं पढ़ सकते। उन्होंने कहा कि “मुसलमान 365 दिन इबादत कर सकते हैं तो हिंदू 365 दिन पाठ कर लें तो क्या समस्या है।” उन्होंने शुक्रवार की नमाज के दौरान ट्रैफिक जाम का मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि “बिना अनुमति के सड़क पर नमाज पढ़ी जाती है।” पैगंबर, कुरान और हदीस का हवाला वीडियो में नाजिया ने पैगंबर मोहम्मद, अल-कुरान व हदीस का हवाला देते हुए कहा कि “अगर किसी की इबादत से दूसरे को तकलीफ होती है, तो वह जायज नहीं होती।” नाजिया इलाही खान ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में बनने वाली कथित “बाबरी मस्जिद” पर कई दावे किए। उन्होंने कहा कि “यदि अयोध्या में ढांचा कानूनी रूप से ध्वस्त हुआ तो मुर्शिदाबाद में भी हट सकता है।” उन्होंने टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर पर भी प्रश्न उठाते हुए दावा किया कि “मस्जिद निर्माण के लिए फंड की जांच होनी चाहिए।” बांग्लादेशी संगठनों और पाकिस्तान लिंक पर भी टिप्पणी वीडियो में नाजिया ने बांग्लादेश के आतंकी संगठन JMB, पाकिस्तान के मीडिया और बंगाल की राजनीति के बीच कथित संबंधों पर कई आरोप लगाए। हालांकि, इन दावों की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। नाजिया इलाही ने कहा कि पश्चिम बंगाल में “हिंदू जाग रहा है” और वह खुद भी पश्चिम बंगाल की मतदाता होने का दावा कर रही हैं। उन्होंने कहा कि यदि मस्जिद पैगंबर के नाम पर बने तो आपत्ति नहीं, लेकिन “मुगल आक्रांता के नाम पर मस्जिद स्वीकार नहीं होगी।
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