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नाक रगड़वाने के मामले में लाइन हजार दरोगा को चार्ज:एसएसपी ने दरोगा गौरव सिंह को बनाया सरूरपुर का थानेदार, लाइनहाजिर प्रक्रिया पर उठे सवाल

व्यापारी से सरेआम नाक रगड़वाने से जुड़े मामले में लाइन हाजिर हुए दरोगा गौरव सिंह को दो महीने बाद ही एसएसपी ने बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी। गौरव सिंह को लाइन से हटाकर सरूरपुर का थानाध्यक्ष बनाया गया है। लाइन हाजिर किए गए चौकी इंचार्ज को सीधे थाने की जिम्मेदारी मिलना चर्चाओं में है। पहले एक नजर पूरे प्रकरण पर शास्त्रीनगर डी ब्लॉक निवासी व्यापारी सत्यम रस्तौगी 19 अक्टूबर की रात तेजगढ़ी चौराहे पर मेहता रेस्टोरेंट में खाना खाने आए थे। उन्होंने ऊर्जा राज्यमंत्री डा. सोमेंद्र तोमर के कार्यालय के नीचे कार खड़ी कर दी। इसी दौरान कार को लेकर उनका मयूर विहार निवासी विकुल चपराणा से विवाद हो गया जो भाजपा किसान मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष थे। विकुल ने सत्यम से सरेआम नाक रगड़वाई, जिसकी वीडियो वायरल हो गई। पुलिसकर्मियों के सामने रगड़वाई थी नाक वीडियो वायरल होने के बाद सनसनी फैल गई। पुलिस की किरकिरी होने लगी। क्योंकि जिस वक्त भाजपा नेता विकुल चपराणा, व्यापारी सत्यम रस्तौगी के साथ अभद्रता कर रहे थे, उस वक्त चौकी इंचार्ज कीर्ति पैलेस गौरव सिंह वहां मौजूद थे और उनके द्वारा इसे रोकने के कोई प्रयास नहीं किए गए। इसके बाद एसएसपी ने दरोगा गौरव सिंह, चेतन सिंह और बृजेश कुमार को लाइन हाजिर कर दिया। समझौता होते ही बैक हो गई कार्रवाई विकुल चपराणा को ऊर्जा राज्यमंत्री डा. सोमेंद्र तोमर का करीबी बताया जा रहा था। जल्द ही इसके प्रमाण भी मिलने लगे। भाजपा नेता मामले में समझौते की रणनीति तैयार करने में जुट गए। कैंट विधायक अमित अग्रवाल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और 30 अक्टूबर को समझौता हो गया। तय हुआ कि पुलिस चार्जशीट दाखिल करेगी और जैसे ही कोर्ट में केस पहुंचेगा, वहां समझौतानामा लगा दिया जाएगा। चार्जशीट लगते ही कार्रवाई हुई वापस कुछ दिन पहले पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी। सवाल यही उठ रहे थे कि उन पुलिसकर्मियों का क्या होगा, जिन पर कार्रवाई की गई थी। जैसी उम्मीद थी, वैसा ही हुआ। दोनों पक्षों में समझौता होते ही एसएसपी ने दरोगा गौरव सिंह को बहाल कर दिया और गुरुवार रात सरूरपुर का थानेदार बना दिया। खास बात यह रही कि यहां के थानेदार अजय शुक्ला जोकि अपराध नियंत्रण में नाकाम साबित हो रहे थे, उनको हटाने के बजाए परतापुर थाने की जिम्मेदारी सौंप दी। बहाली के लिए अप्रूवल जरूरी पुलिस सूत्र बताते हैं कि लाइन हाजिर पुलिसकर्मी को समय से पहले बहाल करने और जिम्मेदारी सौंपने की एक प्रक्रिया है। इसके लिए उच्चाधिकारियों से अप्रूवल की आवश्यकता होती है। अगर पुलिस कप्तान उच्चाधिकारियों के समक्ष पुलिसकर्मी की बहाली के लिए अप्रूवल भेजते हैं तो उस पर विचार किया जा सकता है। सूत्र बताते हैं कि लाइन हाजिर दरोगा गौरव सिंह को लेकर भी अप्रूवल मांगा गया, जिसे स्वीकार भी कर लिया गया। उसी के बाद यह चार्ज दिया गया है


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