“बात समझ में नहीं आती, केवल कहानी सुनाते हो। कानून मत सिखाया करो। आपको कुछ होगा तो वो झेलेंगे,नहीं करेंगे गिरफ्तारी। हम क्या करें, गोली मार दें क्या?” यह बातें वायरल ऑडियो में थाना प्रभारी कहते सुनाई दे रहे हैं। दरअसल, सुलतानपुर में अंडा व्यवसायी संतराम अग्रहरि हत्याकांड ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है। हत्या के मुख्य साजिशकर्ता बताए जा रहे भाजपा नेता अर्जुन पटेल और उनके भाई प्रदीप पटेल अब भी फरार हैं। आरोप है कि दोस्तपुर पुलिस दोनों आरोपियों को संरक्षण दे रही है। इस बीच थाना प्रभारी का एक ऑडियो वायरल होने के बाद पुलिस महकमे हलचल मच गई है। वायरल ऑडियो में इंस्पेक्टर न केवल गिरफ्तारी से साफ इनकार करते सुनाई दे रहे हैं, बल्कि पीड़ित परिवार को फटकारते हुए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल भी कर रहे हैं। मृतक संतराम अग्रहरि के पुत्र ने जब फरार आरोपियों के उनके घर पहुंचने की सूचना दोस्तपुर थाना इंचार्ज अनिरुद्ध सिंह को फोन पर दी, तो इंस्पेक्टर ने जवाब दिया कि गिरफ्तारी तभी होगी जब न्यायालय का आदेश आएगा, क्योंकि मामले में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। इस बातचीत के सामने आने के बाद पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।ट देखें 3 तस्वीरें… अब विस्तार से जानें पूरा मामला पूरा मामला 8 अक्टूबर 2024 का है। दोस्तपुर थाना क्षेत्र के गोसैसिंहपुर गांव में अंडा व्यवसायी संतराम अग्रहरि की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मृतक के बेटे की तहरीर पर राज वर्मा, दिलीप वर्मा, राजेश अग्रहरि समेत छह अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। जांच के दौरान अर्जुन पटेल, प्रदीप पटेल, राहुल शर्मा, सौरभ वर्मा, शिवम पटेल और मोनू के नाम भी आरोपियों की सूची में जोड़े गए। हत्याकांड के पीछे भाजपा नेता के गुर्गे से पूर्व में हुई मारपीट में संतराम की ओर से दर्ज कराया गया मुकदमा मुख्य कारण बना। जिसके बाद हत्या की साजिश रची गई थी। दो मिनट 47 सेकेंड की ऑडियो सचिन अग्रहरि- सर नमस्ते, स्व. संतराम अग्रहरि का लड़का सचिन बोल रहा हूं इंस्पेक्टर- बताइए सचिन- सर अभी जो दो मेन अभियुक्त नहीं पकड़े गए थे अर्जुन पटेल और प्रदीप वर्मा मौजूदा समय में प्रदीप वर्मा अपने घर पर आए हुए हैं हम लोग अपने आंख से देख रहे हैं उसको इंस्पेक्टर-देखते रहिए सचिन- हां सर इंस्पेक्टर- इसके लिए न्यायालय जाइए सचिन- मतलब गिरफ्तारी नहीं होगी सर इंस्पेक्टर- गिरफ्तारी न्यायालय बुलाएगी तब होगी ऐसे नहीं हो पाएगी, जब उसमें में चार्ज शीट लगी है तो न्यायालय जाइए आदेश करेगा तब होगी गिरफ्तारी। सचिन- सर तब तक कोई कांड भी कर सकता है ऐसे घर आकर आप कह रहे हैं न्यायालय जाइए इंस्पेक्टर- बिल्कुल उसमे न्यायालय ही जाना पड़ेगा उस मुकदमे में अब नहीं कुछ हो सकता है सचिन- सर अगर वो आकर घर पे हम लोगों की हत्या कर दे तो क्या न्यायालय आकर हमको बचाएगी, अगर हम आपको सूचना दे रहे हैं डेढ़ साल से वो फरार है मुजरिम इंस्पेक्टर- बात तुम्हारे समझ में नहीं आती है क्या, केवल कहानी सुनाते हो सचिन- सर कहानी नहीं सुना रहे हैं अगर मुजरिम घर पे आया है इतने दिन से फरार है तो आप उसको घेराव करके पकड़िए। इंस्पेक्टर- नहीं, नहीं पकड़ सकते, मुकदमे में अब नहीं गिरफ्तारी हो सकती जब तक न्यायालय नहीं कहेगी उसमे चार्ज शीट लग गई है सचिन- चलिए ठीक है नहीं पकड़ सकती तो इंस्पेक्टर- फालतू बात मत किया करो, कानून मत सिखाया करो हम बता रहे हैं वो नहीं समझ में आ रहा है सचिन- सर कानून नहीं सीखा रहे हैं हम लोगों को कुछ होगा तो कौन जिम्मेदार होगा इसका इंस्पेक्टर- आपको होगा तो उसके लिए वो झेलेंगे जो किए हैं उसके लिए झेल रहे हैं जो आगे करेंगे उसको भी झेलेंगे सचिन- मतलब हम लोग मरते जाए आप लोग बस झेलते चले जाएंगे उन लोगों को कुछ नहीं हो। इंस्पेक्टर- नहीं तो हम क्या करेंगे, हम जा के गोली मार दें। सचिन- नहीं गोली नहीं मारिए गिरफ्तार कीजिये। इंस्पेक्टर- नहीं आप कहना तो यही चाह रहे हो । सचिन- हम तो आपको गोली मारने के लिए कही नहीं रहे हैं हम तो आपको गिरफ्तारी के लिए कह रहे हैं। इंस्पेक्टर- तो गिरफ्तारी हम नहीं कर सकते न जब न्यायालय आदेश करेगा तभी हो सकता है उस मुकदमे में चार्ज शीट लग गई है अब उस मुकदमे में गिरफ्तारी नहीं हो सकती
न्यायालय जाइए न्यायालय पैरवी करिए बताइए उसको की मामला ये है सचिन- सर न्यायालय तो जा रहे हैं न्यायालय अभी चार्ज शीट पहुंचा ही नहीं है हम लोग तो इतना चार्ज शीट ढूंढ़ रहे हैं चार्ज शीट न्यायालय में दाखिल ही नहीं हो रहा है इंस्पेक्टर- न्यायालय में चार्ज शीट दाखिल हो गई है लग नहीं गई है न्यायालय से उसकी पैरवी करिए न्यायालय से आदेश कराइए सचिन- चलिए ठीक है हम न्यायालय से आदेश करा रहे हैं कोर्ट के आदेश भी बेअसर इस मामले में न्यायालय ने 13 नवंबर 2024 को दोनों आरोपियों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था। इसके बाद 23 जनवरी 2025 को कुर्की का आदेश भी दिया गया। इसके बावजूद अर्जुन पटेल और प्रदीप पटेल पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। इतना ही नहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट से भी दोनों आरोपियों की याचिका खारिज हो चुकी है, लेकिन गिरफ्तारी अब तक नहीं हो पाई है। आईजीआरएस में शिकायत, फिर भी कार्रवाई शून्य पीड़ित परिवार द्वारा आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायत किए जाने पर पुलिस ने जवाब दिया कि आरोपी अर्जुन पटेल और प्रदीप वर्मा की चल-अचल संपत्ति की जानकारी के लिए एसडीएम जयसिंहपुर से पत्राचार किया गया है। पुलिस का दावा है कि संपत्ति का ब्योरा मिलते ही कुर्की की कार्रवाई आगे बढ़ाई जाएगी। हालांकि, हकीकत यह है कि अब तक न तो कुर्की हुई और न ही फरार आरोपियों की गिरफ्तारी। पुलिस की भूमिका पर उठे सवाल इस पूरे घटनाक्रम में सुलतानपुर पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। आरोप है कि अपराधियों को “मिट्टी में मिलाने” का दावा करने वाली सरकार में जिले की पुलिस बदमाशों के साथ खड़ी नजर आ रही है। हैरानी की बात यह भी है कि इस मामले में मंत्री नंद गोपाल नंदी स्वयं पीड़ित परिवार से मिल चुके हैं और कार्रवाई का भरोसा दिया था, लेकिन अब तक वह आश्वासन भी कोरा साबित हुआ है। संतराम अग्रहरि हत्याकांड की 8 अक्टूबर 2024 से अब तक की पूरी टाइमलाइन 8 अक्टूबर 2024 को दिनदहाड़े हत्या। 9 अक्टूबर 2024 FIR दर्ज अक्टूबर 2024 (अंत) आरोपी फरार अर्जुन पटेल और उनके भाई प्रदीप पटेल फरार पुलिस द्वारा कई बार दबिश का दावा, लेकिन कोई गिरफ्तारी नहीं पीड़ित परिवार ने पुलिस पर संरक्षण देने का आरोप लगाया। 13 नवंबर 2024 अदालत ने फरार आरोपियों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी किया। पुलिस को जल्द गिरफ्तारी के निर्देश। दिसंबर 2024 हाईकोर्ट में याचिका अर्जुन पटेल और प्रदीप पटेल ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। गिरफ्तारी पर रोक की मांग। हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली। 23 जनवरी 2025 को कुर्की का आदेश अदालत ने दोनों फरार आरोपियों की कुर्की (83/82 CrPC) का आदेश दिया। पुलिस को चल-अचल संपत्ति जब्त करने के निर्देश। जनवरी–फरवरी 2025 को कार्रवाई ठप कुर्की आदेश के बावजूद कोई वास्तविक कार्रवाई नहीं। पीड़ित परिवार ने IGRS पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने जवाब में कहा-SDM जयसिंहपुर से संपत्ति विवरण मांगा गया है। फरवरी 2025 में मंत्री से मुलाकात पीड़ित परिवार की मुलाकात मंत्री नंद गोपाल नंदी से। मंत्री ने निष्पक्ष जांच और गिरफ्तारी का आश्वासन दिया। जमीनी स्तर पर कोई बदलाव नहीं। 25 दिसंबर 2025 को थाना प्रभारी का ऑडियो वायरल दोस्तपुर थाना प्रभारी अनिरुद्ध सिंह का ऑडियो वायरल। ऑडियो में गिरफ्तारी से इनकार और पीड़ित को फटकार। बोले-चार्जशीट लग चुकी है, कोर्ट का आदेश आएगा तब गिरफ्तारी होगी। वायरल ऑडियो के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप। अब तक की स्थिति (वर्तमान) मुख्य आरोपी अर्जुन पटेल और प्रदीप पटेल फरार। कोर्ट के NBW, कुर्की आदेश और हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने के बावजूद गिरफ्तारी नहीं। पुलिस पर राजनीतिक दबाव और संरक्षण के गंभीर आरोप। पीड़ित परिवार न्याय की मांग पर अड़ा। —————————– ये खबर भी पढ़ें… स्कूल की बिजली उड़ाई, कभी प्रिंसिपल ऑफिस में ‘बम’ गिराया एक बच्चे की ‘खुराफात’ से पूरा स्कूल और मोहल्ला परेशान था। कभी इलेक्ट्रिक शार्पनर से स्कूल की लाइट गुल कर देता। तो कभी उसका बनाया प्लेन प्रिंसिपल ऑफिस में धमाका कर देता। बच्चा बड़ा हुआ तो क्लीनिंग रोबोट और लाइफ सेविंग ड्रोन बनाए। पढ़ें पूरी खबर…
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