मै वाल्मीकि समाज से हूं, इसलिए मेरे साथ ऐसा किया गया। हमारे प्रधानमंत्री वाल्मीकि समाज का पैर धोते हैं, उसके बाद उनके साथ खाना खाते हैं। लेकिन अधिकारी समाजवादी सोच रखे हुए हैं। इसलिए नगर निगम में मेरी बेज्जती की गई है। तीन दिन पहले प्रोटोकॉल भेज दिया था, फिर भी मुझे चपरासी तक ने अटैंड नहीं किया। मै प्यासा ही यहां से वापस जा रहा हूं। यह बात उत्तर प्रदेश SC/ST आयोग के सदस्य रमेश चंद कुंडे ने कानपुर में कही। वह मंगलवार को नगर निगम में अधिकारियों के साथ बैठक करने के लिए पहुंचे थे। जब वह नगर निगम पहुंचे तो उन्हें वहां पर किसी ने रिसीव नहीं किया। काफी देर तक वह अपनी कार में ही इंतजार करते रहे और सूचना भी भेजी। इसके बाद भी कोई वहां नहीं आया। जिसके बाद वह भड़क उठे और आयोग में शिकायत की बात कही। तीन दिन पहले भेज दिया था प्रोटोकॉल आयोग के सदस्य रमेश चंद कुंडे ने बताया कि तीन दिन पहले ही उनका प्रोटोकॉल नगर निगम को भेज दिया गया था। उनके पीए लगातार नगर आयुक्त से बातचीत भी कर रहे थे। इसके बाद भी जब वह नगर निगम पहुंचें तो उन्हें उपेक्षा का सामना करना पड़ा। उन्हे एक चपरासी तक नहीं मिला, जो उन्हें बैठक हॉल तक ले जाए। यह सब इसलिए किया गया है, क्योंकि वह वाल्मीकि समाज से आते हैं। प्यासा जा रहा हूं, अब आयोग लेगा जवाब आयोग सदस्य रमेश चंद ने कहा कि वह आयोग के सदस्य हैं। पार्टी ने उन्हें पिछड़ों की आवाज के रूप में रखा है। जिससे दलित और पिछड़ों के शोषण को रोका जा सके। लेकिन नगर निगम में समाजवादी सोच के लोग बैठे हैं। रमेश चंद ने कहा कि चाय तो दूर उन्हें नगर निगम में किसी ने पानी तक के लिए नहीं पूछा। उन्होंने कहा कि वह नगर निगम से प्यासे ही वापस जा रहे हैं। इस सारे घटनाक्रम की रिपोर्ट तैयार करके वह सीधे आयोग को भेजेंगे। जिसके बाद आयोग ही नगर आयुक्त से जवाब लेगा। नगर निगम पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप आयोग के सदस्य ने नगर निगम में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि उनके समाज के लोग साफ-सफाई करके पूरी ईमानदारी से अपना काम कर रहे हैं। लेकिन उनसे नगर निगम में छोटी-छोटी चीजों के लिए रुपए लिए जाते हैं। नई भर्ती करने के लिए 50 हजार रुपए ले लिए जाते हैं और चार महीने बाद उसे हटाकर दूसरे को रख लिया जाता है। इन्हीं शिकायतों के बाद वह नगर निगम में बैठक करने आए थे। लापरवाही करने वाले से मांगा गया नोटिस नगर आयुक्त अर्पित उपाध्याय ने बताया कि आयोग सदस्य के लिए एक अधिकारी की ड्यूटी लगाई गई थी। वह सुबह उनसे सर्किट हाउस में भी मिलकर आए थे। लेकिन उन्होंने कहा कि वह नगर निगम में बैठक करेंगे। हमारे अधिकारी मीटिंग हॉल में उनका इंतजार कर रहे थे। मै शहर विजिट पर निकला हुआ था। अधिकारी समय से वहां नहीं पहुंचे और आयोग सदस्य को अटैंड नहीं किया, इसकी शिकायत मिली है। उनसे लिखित स्पष्टीकरण मांगा गया है। जवाब आने के बाद नियमानुसार सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
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