वर्ष 2025 की विदाई और नव वर्ष 2026 का स्वागत भगवान के दर्शनों के साथ करने के लिए वृंदावन में भक्तों का सैलाब उमड़ना शुरू हो गया है। शनिवार को बांके बिहारी मंदिर जाने वाले रास्ते पर भक्तों की भीड़ नजर आई। यहां प्रशासन द्वारा जगह जगह होल्डिंग एरिया बनाए गए हैं। जहां श्रद्धालुओं को रोक रोक कर मंदिर की तरफ जाने दिया जा रहा है। विद्यापीठ चौराहा से मंदिर की मुख्य गली तक लगाई रेलिंग वृंदावन में उमड़ रही भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विद्यापीठ चौराहा से बांके बिहारी मंदिर की मुख्य गली तक रेलिंग लगाई गई है। इसी रेलिंग में होकर श्रद्धालु मंदिर तक जा रहे हैं। भगवान के दर्शनों की अभिलाषा लिए कोई आधा घंटे से तो कोई चार घंटे से इंतजार करता हुआ नजर आया। रोक रोक कर भेजे जा रहे भक्त बांके बिहारी मंदिर में भीड़ ज्यादा न हो इसके लिए श्रद्धालुओं को जगह जगह होल्डिंग एरिया में रोका जा रहा है। जहां से श्रद्धालुओं को धीरे धीरे मंदिर की तरफ बढ़ाया जा रहा है। होल्डिंग एरिया से निकलते ही श्रद्धालु मंदिर की तरफ दौड़ लगाने लगते हैं। सभी की चाहत है कि लाडले की एक झलक मिल जाए। निधिवन के रास्ते हुए पैक वृंदावन में भीड़ का सैलाब बांके बिहारी मंदिर ही नहीं बल्कि उनकी प्राकट्य स्थली निधिवन में भी देखने को मिल रहा है। यहां निधिवन तक जाने वाले रास्ते श्रद्धालुओं से पैक हैं। निधिवन में ही स्वामी हरिदास जी ने भगवान बांके बिहारी जी को अपनी संगीत साधना से जमीन से प्रगट किया था। रंगनाथ मंदिर सहित अन्य मंदिरों पर भी उमड़ी भीड़ भीड़ का सैलाब बांके बिहारी और निधिवन ही नहीं बल्कि दक्षिण भारतीय शैली के श्री रंगनाथ मंदिर सहित अन्य मंदिरों पर भी देखने को मिल रहा है। उत्तर भारत के सबसे विशालतम रंगनाथ मंदिर में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। यहां मंदिर के पश्चिम,पूर्वी गेट,स्वर्ण स्तंभ,निज मंदिर सहित पूरे मंदिर परिसर में भक्त ही भक्त नजर आ रहे हैं। यहां 30 दिसंबर को बैकुंठ एकादशी के अवसर पर ब्रह्म मुहूर्त में बैकुंठ दरवाजा खोला जाएगा। वर्ष में एक बार खुलने वाले इस द्वार से निकलने के लिए लाखों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं।
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