उत्तर प्रदेश पुलिस के डीजीपी राजीव कृष्ण ने नए साल 2026 की पूर्व संध्या पर प्रदेश पुलिस के सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और उनके परिवारों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। अपने विस्तृत नववर्ष संदेश में डीजीपी ने पुलिस बल की बीते साल की उपलब्धियों की सराहना की और आने वाले साल में तकनीक का विवेकपूर्ण उपयोग, टीमवर्क, संवेदनशील पुलिसिंग और अपराध रोकथाम पर विशेष जोर दिया। अपने संदेश में डीजीपी ने कहा कि नववर्ष का प्रभात सभी के जीवन में स्वास्थ्य, संतुलन, स्थिरता और कर्तव्य में साहस, संयम एवं सफलता लेकर आए। उन्होंने बीते वर्ष को पुलिसकर्मियों की कर्तव्यनिष्ठा, कठिनाइयों में धैर्य और कर्मठता की कसौटी बताया, जिसमें दिन-रात धूप-धूल और दबाव के बीच कानून का सम्मान और जनता का भरोसा अक्षुण्ण रहा। संवेदनशीलता और अनुशासन पर दिया जोर डीजीपी राजीव कृष्ण ने पुलिस की वर्दी को शक्ति के साथ-साथ संवेदनशीलता और आत्मसंयम का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि पुलिसिंग केवल कार्रवाई नहीं, बल्कि आचरण, अनुशासन और उत्तरदायित्व से पहचानी जाती है। संदेश में नागरिकों के संकट में पुलिस की भूमिका को “अंतिम उम्मीद” करार देते हुए पारदर्शिता, मर्यादा और मानवीय विवेक की आवश्यकता पर बल दिया गया। सुरक्षा के साथ संवेदना जुड़ने पर ही वह संपूर्ण होती है। टीमवर्क मनोबल की ताकत डीजीपी ने पुलिस बल की असली शक्ति को सामूहिक मनोबल बताया। उन्होंने कहा कि एकजुट टीम इतिहास बदल सकती है और हर सहकर्मी पूरक है। वरिष्ठों का अनुभव और युवाओं की ऊर्जा के संतुलन से पुलिसिंग सक्षम बनेगी। सीखते रहने, मिलकर काम करने और आपसी भरोसे को विशिष्ट बनाने वाले मूल्य करार दिया। तकनीक के साथ आधुनिक पुलिसिंग संदेश में अपराध की बदलती दुनिया का जिक्र करते हुए डीजीपी ने साइबर सुरक्षा, डेटा विश्लेषण और एआई को पुलिसिंग की नई नजर बताया। हाल ही में लॉन्च किए गए यक्ष ऐप को बीट पुलिसिंग का दैनिक अनुशासन बनाने की अपील की। इस ऐप से रियल-टाइम अपडेट, अपराधियों की ट्रैकिंग और रोकथाम आसान होगी। साइबर अपराध में आरक्षियों को “पहली ढाल” मानते हुए जन-जागरूकता और त्वरित कार्रवाई पर जोर दिया। डीजीपी ने 60,244 नव-भर्ती आरक्षियों के आगमन को ऐतिहासिक बताया, जो थानों में तैनाती के बाद कार्यक्षमता और जन-विश्वास बढ़ाएंगे। थानाध्यक्षों से इन नवागंतुकों को मार्गदर्शन, कार्य-संस्कृति और संवेदनशील आचरण सिखाने की अपेक्षा की। कर्मियों के कल्याण, तनाव प्रबंधन और सम्मानजनक परिस्थितियों पर ध्यान देने को नेतृत्व की कसौटी बताया। मानसिक स्वास्थ्य के साथ परिवार का भी ख्याल पुलिसकर्मियों की मानसिक-भावनात्मक सेहत का ध्यान रखने की सलाह देते हुए डीजीपी ने परिवारों को “मौन साझेदार” करार दिया और उनके त्याग के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। आखिर में डीजीपी ने संकल्प दोहराया कि तकनीक, टीमवर्क और मानवीय विवेक से यूपी पुलिस अधिक सक्षम और भरोसेमंद बनेगी। अपराधियों के लिए हर कदम जोखिमभरा और अपराध असफल बनाने का प्रतिबद्धता जताई।
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