श्रीराम मंदिर में 25 नवंबर को होने वाले ऐतिहासिक ध्वजारोहण कार्यक्रम से पहले पुरोहित समाज ने बड़ा ऐलान कर दिया है। पुरोहित समाज ने पूरे कार्यक्रम का बहिष्कार करने, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत से साफ इंकार करने की घोषणा की है। आज तीर्थ पुरोहित धर्मार्थ सेवा ट्रस्ट और तीर्थ पुरोहित समाज सेवा ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, जिला प्रशासन और भारतीय जनता पार्टी पर पुरोहित समाज का अपमान करने के गंभीर आरोप लगाया है।
पुरोहित समाज को बड़े कार्यक्रमों से दूर रखा जा रहा
तीर्थ पुरोहित धर्मार्थ सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष राजेश महाराज, तीर्थ पुरोहित समाज सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष दुर्गेश महाराज, नव निर्वाचित अध्यक्ष ओम प्रकाश महाराज, एवं प्रदीप महाराज ने आरोप लगाया कि पुरोहित समाज, जो रामनगरी अयोध्या का सबसे पुराना धार्मिक समाज है और सदियों से पूजा-पाठ की परंपराओं का संवाहक रहा है, उसे लगातार बड़े कार्यक्रमों से दूर रखा जा रहा है। विधायक पर स्वागत के लिए फोन आया था पर अपमान के बाद यह संभव नहीं पदाधिकारियों ने कहा की ध्वजारोहण कार्यक्रम में निमंत्रण नहीं दिया गया जबकि ट्रस्ट दावा कर रहा है कि “सभी समाजों को बुलाया गया है”, पुरोहित समाज का आरोप है कि ट्रस्ट मनमानी करते हुए सिर्फ अपने मनपसंद लोगों को ही निमंत्रण दे रहा है। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि स्थानीय विधायक की ओर से फोन आया था कि प्रधानमंत्री के स्वागत में शामिल होइए, लेकिन समाज ने कह दिया—“जब लगातार उपेक्षा हो रही है, तो हम प्रधानमंत्री का स्वागत क्यों करें?” बल्कि पुरोहित समाज की प्रतिष्ठा का सवाल
पुरोहित समाज ने स्पष्ट कहा कि“हम न पुष्प वर्षा करेंगे, न स्वागत करेंगे।हम पूरे कार्यक्रम का बहिष्कार करते हैं। समाज के प्रतिनिधियों ने कहा कि यह केवल एक निमंत्रण का मुद्दा नहीं है, बल्कि पुरोहित समाज की प्रतिष्ठा का सवाल है।क्योंकि सदियों प्रमुख आयोजनों में पुरोहित समाज ही अग्रणी भूमिका निभाता आया है और उसे ही न्योता नहीं दिया गया जबकि तमाम सामाजिक संस्था को दिया गया क्या पुरोहित समाज अयोध्या में नहीं रहता।
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