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ध्वजारोहण में शंकराचार्यों को न्योता नहीं:अविमुक्तेश्वरानंद बोले- राममंदिर में शास्त्रों से कुछ नहीं हो रहा, मेरे शामिल होने का मतलब नहीं

अयोध्या में राममंदिर के लिए तैयार की गई धर्मध्वजा जन्मभूमि पहुंच चुकी है। 25 नवंबर को ध्वजारोहण समारोह में PM मोदी राम मंदिर के 191 फीट ऊंचे शिखर पर पहली बार यह ध्वज फहराएंगे। लेकिन, समारोह में शंकराचार्यों को नहीं बुलाया गया है। इसको लेकर ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा- मैंने तो शास्त्रों में ऐसा कहीं उल्लेख पढ़ा नहीं कि ध्वजारोहण किया जाए। शिखर की प्रतिष्ठा होती है। शिखर की प्रतिष्ठा तो हुई नहीं। इसीलिए मैं कह रहा हूं कि शास्त्र के अनुसार कुछ होता हुआ दिखाई दे, तो हम लोग उसमें भाग लें। मनमाना कुछ हो रहा है, तो उसमें हमारे भाग लेने का कोई मतलब नहीं। वहीं, ध्वजारोहण समारोह में उन 100 दानदाताओं को आमंत्रित किया गया है, जिन्होंने राम मंदिर निर्माण में 2 करोड़ से ज्यादा दान दिया था। लखनऊ, अयोध्या सहित आसपास के 25 जिलों के लोगों और किसानों को खास महत्व दिया गया है। पहले सजावट की 3 तस्वीरें- अविमुक्तेश्वरानंद बोले- देखा नहीं होगा कि ध्वज नीचे से ऊपर चढ़ाएं
अविमुक्तेश्वरानंद ने वाराणसी में कहा- ऐसा कहा भी नहीं जा रहा कि शिखर की प्रतिष्ठा होगी। जब एक बार ध्वज स्थापित होता है, तो ध्वज बदला जाता है। हमने वीडियो में देखा कि चंपत राय जी कह रहे हैं कि ध्वजारोहण किया जाएगा। मेरा कहना है कि ऐसा आपने कहीं देखा नहीं होगा कि नीचे से ऊपर ध्वजा चढ़ाई जाए। आप देखिए, जगन्नाथ जी में रोज ध्वज बदला जाता है। एक व्यक्ति ध्वज लेकर ऊपर चढ़ जाता है। फिर वहां से ही फहरा देता है। आरोहण तो नहीं होता है। हमारे द्वारका जी में एक दिन में चार-चार, पांच-पांच बार ध्वजा बदल दी जाती है। मनमाना काम हो रहा, हमारे शामिल होने का मतलब नहीं
अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा- ध्वजा का बदला जाना तब होगा, जब एक बार पहले ध्वजा की प्रतिष्ठा हो। शिखर की प्रतिष्ठा के साथ उसकी प्रतिष्ठा होती है। ऐसा कुछ कहा नहीं जा रहा कि शिखर की प्रतिष्ठा हो रही। अब कहा जा रहा है कि ध्वजारोहण होगा और अमुक लोग आएंगे। धर्मध्वजा 6 कारीगरों ने 25 दिन में बनाई
ध्वजा को गुजरात में 6 कारीगरों ने 25 दिन में तैयार किया है। यह 11 फीट चौड़ा और 22 फीट लंबा त्रिस्तरीय ध्वज है। ध्वज सूर्योदय के पहले क्षितिज पर बिखरी रश्मियों की लालिमा के समान है। यह देखने में चमकदार केसरिया रंग का है। इस पर सूर्यदेव, ॐ और कोविदार वृक्ष के निशान की छाप है। ध्वज को विशेष पैराशूट फैब्रिक और रेशमी धागों से तैयार किया गया। यह तीन परत वाले कपड़े से बना है। शिखर की ऊंचाई ज्यादा होने के कारण इसमें इस्तेमाल की गई नायलॉन डोरी का वजन भी काफी अधिक है। इससे इसे खींचने के लिए काफी ताकत लगानी पड़ेगी। इससे पहले श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 4 महीने तक लगातार बैठक, धर्मशास्त्रीय विचार-विमर्श और विशेषज्ञों की राय के बाद धर्मध्वज पर बने चिह्नों का चयन किया। इसमें लगी हर चीज स्वदेशी है। इसे हाथ से ही बनाया गया है। किनारों पर गोल्डन फैब्रिक लगाया गया है और अंदर अस्तर भी लगा है। ध्वजदंड को एक खास घूमने वाले चैंबर पर लगाया गया है। इसमें बॉल बेयरिंग लगे हैं। इससे यह तेज हवा में भी सुरक्षित रहेगा। इसी ध्वजदंड में धर्मध्वजा लगाई जाएगी। आम लोगों के लिए बंद रहेंगे 25 नवंबर को दर्शन
ट्रस्ट ने अपील की है कि 25 नवंबर को आम श्रद्धालु अयोध्या या रामलला के दर्शन के लिए न आएं। इस दिन आम भक्त रामलला के दर्शन नहीं कर पाएंगे। वहीं, 23 नवंबर की रात 11 बजे से अयोध्या की तरफ लोडर गाड़ियां जैसे- ट्रक, ट्रैक्टर, डीसीएम आदि रोक दी गईं। ये सख्ती 26 नवंबर की आधी रात तक रहेगी। आसपास के जिलों से ही गाड़ियों को डायवर्ट कर दिया जा रहा है। सेना के हेलिकॉप्टर ने रिहर्सल किया
PM मोदी का हेलिकॉप्टर साकेत महाविद्यालय में उतरेगा। यहां से वो सड़क मार्ग से मंदिर जाएंगे। 23 नवंबर को यहां सेना के हेलिकॉप्टर ने रिहर्सल किया। राम जन्मभूमि परिसर सहित अयोध्या की सुरक्षा का जायजा लिया। करीब 20 मिनट तक राम जन्मभूमि और आसपास के क्षेत्र के ऊपर आसमान में सेना का हेलिकॉप्टर उड़ता रहा। सेना के अधिकारियों ने हेलिकॉप्टर से सुरक्षा व्यवस्था का हवाई सर्वेक्षण किया। SPG पहले ही अयोध्या पहुंच चुकी है और एयरपोर्ट, हेलीपैड, राममंदिर परिसर के कार्यक्रम स्थलों पर लगातार निरीक्षण कर रही। बम और डॉग स्क्वायड चेकिंग कर रही, ATS कमांडो ने जन्मभूमि घेरी
राम जन्मभूमि के एंट्री गेटों को फूल-मालाओं से सजाया गया है। आसपास पेड़ों पर रंग-बिरंगी झालरें लगाई गई हैं। नगर निगम ने डिवाइड पर फूलों के गमले रखे हैं। ATS, NSG, CRPF, SPG, पुलिस, पीएसी के जवानों ने राम जन्मभूमि से लेकर शहर तक सुरक्षा व्यवस्था संभाली है। हर एक्टिविटी पर बारीकी नजर रखी जा रही है। सादे कपड़ों में भी जवान तैनात किए गए हैं। बम और डॉग स्क्वायड लगातार चेकिंग कर रही है। PM के स्वागत में 7 जगहों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे
PM मोदी के भव्य स्वागत की तैयारी है। मोदी राम पथ से होते हुए राम मंदिर जाएंगे। 501 बटुक ब्राह्मण स्वस्तिक वाचन करेंगे। अयोध्या के लोग मोदी पर फूल बरसाएंगे। स्वागत पथ पर 7 जगहों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। ध्वजारोहण समारोह में आने वाले एक हजार विशिष्ट अतिथियों के लिए बिरला धर्मशाला और इकबाल अंसारी के घर के सामने मैदान में पार्किंग बनाई गई है। इसके अलावा हनुमान गुफा, कारसेवकपुरम और रामसेवक पुरम में भी पार्किंग की व्यवस्था की गई है। यहां से अतिथियों को उनकी श्रेणी के अनुसार गोल्फ कोर्ट से रामपथ तक या राम मंदिर तक पहुंचाया जाएगा। कुल मिलाकर पुलिस ने हर VIP के लिए उसको प्रोटोकॉल देने का खाका तैयार कर लिया है। राममंदिर से सटे मंदिरों में भी मनेगा उत्सव
ध्वजारोहण समारोह पर 25 नवंबर को राममंदिर के आसपास के मंदिरों में भी उत्सव मनाया जाएगा। श्रीराम जन्मभूमि से सटे श्री श्रृंगेरी शंकर मठ सुंदर सदन में उत्सव का आयोजन किया गया है। वेद पाठी द्वारा विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ होगा। मठ को रंग बिरंगी झालरों से सजाया गया है। यहां दीप जलाकर खुशियां मनाई जाएंगी। श्रृंगेरी के शंकराचार्य तीर्थ विधु शेखर भारतीय के निर्देशन में श्रद्धालुओं को हलुआ और चना का प्रसाद दिया जाएगा। सुंदर सदन के एडमिनिस्ट्रेटर सुशील पांडे ने बताया कि उत्सव मनाएं जाने की तैयारी पूरी कर ली गई है। ट्रस्ट की अपील- घर से देखें कार्यक्रम
चंपत राय ने लोगों से कहा है कि यह राष्ट्र-गौरव का पल है। राम भक्तों से निवेदन है कि वे अपने घरों में बैठकर ध्वजारोहण कार्यक्रम का आनंद लें। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण दूरदर्शन पर किया जाएगा। सभी टीवी चैनलों पर भी लाइव टेलीकास्ट होगा। अयोध्या की प्रमुख सड़कों, चौराहों और सार्वजनिक स्थलों पर पर्दे और एलसीडी स्क्रीन लगाए जाएंगे, जहां लोग सामूहिक रूप से प्रसारण देख सकेंगे। PM मोदी अयोध्या में 3 घंटे रहेंगे
अयोध्या में 25 नवंबर को PM मोदी 3 घंटे रहेंगे। वह 11 बजे अयोध्या पहुंच जाएंगे। पीएम मोदी राम मंदिर से पहले हनुमानगढ़ी पहुंचेंगे। वहां दर्शन-पूजन करेंगे। वह रामलला समेत राम दरबार के दर्शन कर आरती उतारेंगे। अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12 से 12:30 के बीच 191 फीट ऊंचे शिखर पर पीएम मोदी ध्वजारोहण करेंगे। बटन दबाने के बाद 10 सेकेंड में ही ध्वज हवा में फहराने लगेगा। PM सप्त मंदिर परकोटा, शेषावतार मंदिर और रामायण के श्री डी म्यूरल्स भी देख सकते हैं। फिर वो मंदिर में काम करने वाले इंजीनियर और श्रमिकों से मुलाकात कर सकते हैं। उनके लिए मां अन्नपूर्णा मंदिर के पीछे ग्रीन हाउस तैयार किया गया है। भारी वाहनों की एंट्री रोकी गई राम मंदिर में मोबाइल नहीं ले जा सकेंगे मेहमान
राम मंदिर में पहली बार राम-सीता विवाह उत्सव मनाया जा रहा है। इस दौरान 8 हजार लोगों के पहुंचने का अनुमान है। इनमें से ढाई हजार लोगों के रुकने के लिए तीर्थ पुरम में टेंट सिटी बसाई जा रही है। पहले 25 नवंबर के आयोजन में मेहमानों को मोबाइल ले जाने की अनुमति दी गई थी। मगर दिल्ली में ब्लास्ट होने के बाद 1 बदलाव किया गया है। अब मेहमान अपने साथ मोबाइल अंदर नहीं ले जा सकेंगे। —————————– ये खबर भी पढ़िए- लखनऊ में भागवत बोले- धर्म के लिए लड़ना होगा: योगी बोले- RSS सामाजिक समर्थन से चलता है, विदेशी फंडिंग से नहीं लखनऊ में RSS प्रमुख मोहन भागवत और सीएम योगी ने र‌विवार को दिव्य गीता प्रेरणा उत्सव में मंच साझा किया। मोहन भागवत ने कहा- हमारा भारत पूरी दुनिया का विश्वगुरु था। दुनिया के लिए एक बड़ा सहारा था। कभी चक्रवर्ती सम्राट भी होते थे। हजारों साल तक आक्रमणकारियों के पैरों तले रौंदा गया। हमें गुलामी में जीना पड़ा। पढ़ें पूरी खबर…


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