सुल्तानपुर में सिख संप्रदाय के दसवें गुरु और खालसा पंथ के संस्थापक श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का 359वां प्रकाश पर्व शनिवार को श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर गुरुद्वारा श्री गुरुसिंघ सभा परिसर में एक विशेष कीर्तन दरबार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत सुबह पाठ साहिब से हुई। इसके बाद ज्ञानी नवजोत सिंह और उनके साथियों ने शब्द-कीर्तन प्रस्तुत किया, जिसमें गुरु गोबिंद सिंह जी के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला गया। सरदार इंद्रजीत सिंह कलेर के परिवार द्वारा करवाए गए श्री अखंड पाठ का विधिवत समापन भी इसी दौरान हुआ। विशिष्ट अतिथियों द्वारा निशान साहिब का रोहण भी किया गया। गुरुद्वारे के महासचिव सरदार सुदीप पाल सिंह ने देशवासियों को प्रकाश पर्व की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी का राष्ट्रहित के प्रति वीरता, त्याग और समर्पण का जीवन सभी को अन्याय और अधर्म के विरुद्ध खड़े होने की प्रेरणा देता है। इस पावन अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया और महाराजा रणजीत सिंह हॉल में गुरु का प्रसाद ग्रहण किया। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में बृजेश मिश्रा, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस प्रशिक्षण केंद्र अमहट, सुल्तानपुर उपस्थित रहे। उनके साथ डॉ. ए.के. सिंह, डॉ. संदेश कसौधन, डॉ. रमा शंकर मिश्र और डॉ. अंकुर सेठ को भी सिरोपा भेंट कर सम्मानित किया गया। बृजेश मिश्रा ने इस अवसर पर गुरु गोबिंद सिंह जी के जीवन आदर्शों को अपनाने का आह्वान किया। इस अवसर पर सरदार गुरुचरण सिंह, पी.पी. सिंह, सरदार कमलजीत सिंह सतनाम, पत्रकार सरदार महेंद्र पाल सिंह कलेर, सरदार तेजेंद्र सिंह कलेर और महासचिव सरदार सुदीप पाल सिंह सहित गुरुसिंघ सभा के पदाधिकारी और अन्य श्रद्धालु उपस्थित थे। सिख प्रतिनिधि ने मीडिया से बात करते हुए गुरु गोबिंद सिंह जी के बलिदान को याद किया। उन्होंने कहा, “गुरु साहिब ‘सर्ववंश दानी’ थे। उन्होंने धर्म और राष्ट्र की रक्षा के लिए अपने पूरे वंश का बलिदान दिया। आज हम उसी महान बलिदानी का पर्व मना रहे हैं।”
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