बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अयोध्या में धर्मध्वजा फहराए जाने पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने मुगल आक्रांताओं पर निशाना साधते हुए कहा- चढ़ मुगलों की छाती पर भगवा लहराया है, कब्र से उठकर देख ले बाबर, मंदिर वहीं बनाया है। उन्होंने कहा- अभी राम मंदिर बना है। रामलला के मंदिर पर देश के यशस्वी पीएम नरेंद्र मोदी ने भगवा ध्वज फहराया है। आज पूरा देश गौरवान्वित है। जहां कभी हरे झंडे की योजना बनाई जाती थी, आज वहां भगवा लहरा रहा है। बाबा बागेश्वर ने मथुरा जन्मभूमि विवाद पर भी बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा, कृष्ण लला हम आयेंगे, माखन मिश्री खाएंगे, जिन्हें दिक्कत हो, बेटा वो खिसक लें। हम तन से दूर, लेकिन मन से रामलला के पास पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने यह बयान मध्य प्रदेश के शिवपुरी में मंगलवार को दिया। उनकी रामकथा चल रही है। उन्होंने कहा- हिंदुत्व के गर्व, राम मंदिर की पूर्णता और राष्ट्रवादी भावनाओं से पूरी तरह सराबोर हो गया है। उन्होंने इसे हिंदू पूरक विचारधारा की विजय और सनातन संस्कृति की पुनर्स्थापना का प्रतीक बताया है। उन्होंने कहा, हम तन से दूर हैं, लेकिन मन से दूर नहीं हैं। हम रामलला के चरणों को प्रणाम करते हैं। हिंदुओं से मकानों पर ध्वज लगाने की अपील की
बाबा बागेश्वर ने लोगों से अपने घरों पर भगवा ध्वज लगाने की अपील की। हिंदू प्रण लेकर अपने घरों पर भगवा ध्वज लगा दें। उन्होंने इशारों में मुस्लिमों की चर्चा करते हुए कहा कि उनके तीन घर हों तो वे अपने तीनों घरों पर हरा झंडा लगा देते हैं। वहां जाओ तो लगता है कि दूसरे देश में पहुंच गए हैं। यदि हिंदू भी अपने घरों पर भगवा ध्वज लगा दें तो सब अयोध्या धाम हो जाएगा। अब बात धर्मध्वजा स्थापना की… अयोध्या राम मंदिर पर फहराई धर्मध्वजा, मोदी भावुक हुए, बोले- अब मानसिक गुलामी से मुक्ति का लक्ष्य अयोध्या का राम मंदिर मंगलवार को संपूर्ण हो गया। प्राण प्रतिष्ठा के 673 दिनों बाद PM मोदी और RSS प्रमुख मोहन भागवत ने मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण किया। सुबह 11.50 बजे अभिजीत मुहूर्त में बटन दबाते ही 2 किलो की केसरिया ध्वजा 161 फीट ऊंचे शिखर पर फहराने लगी। PM भावविभोर हो गए। उन्होंने धर्मध्वजा को हाथ जोड़कर प्रणाम किया। PM मोदी ने कहा- आज सदियों के घाव भर गए हैं। हम देश को गुलामी की मानसिकता से मुक्त करके रहेंगे। यह मानसिकता इतनी हावी हो गई थी कि वर्षों तक भगवान राम को काल्पनिक बताया गया। ध्वजारोहण से पहले PM मोदी ने मोहन भागवत के साथ मंदिर की पहली मंजिल पर बने रामदरबार में पूजा और आरती की। इसके बाद रामलला के दर्शन किए। PM रामलला के लिए वस्त्र और चंवर लेकर पहुंचे थे। PM ने साकेत कॉलेज से रामजन्मभूमि तक डेढ़ किमी लंबा रोड शो भी किया। इस दौरान स्कूली छात्रों ने काफिले पर फूल बरसाए और जगह-जगह महिलाओं ने उनका स्वागत किया। पहले चर्चा थी कि ध्वजारोहण समारोह के लिए अमिताभ बच्चन समेत कई सेलिब्रिटीज को न्योता भेजा गया है, लेकिन कोई नहीं पहुंचा। चारों शंकराचार्यों को छोड़कर देशभर के मठों के संत मंदिर परिसर में मौजूद रहे। शहर को 1000 क्विंटल फूलों से सजाया गया। मंदिर में 5-लेयर सुरक्षा रही। ATS, NSG, SPG, CRPF और PAC के जवान तैनात रहे। रामलला ने आज सोने और रेशम के धागों से बने पीतांबर वस्त्र धारण किए। तस्वीरें देखिए- मोदी ने 32 मिनट भाषण दिया। सियावर राम चंद्र की जय से संबोधन की शुरुआत की। पढ़िए 5 बड़ी बातें… भागवत बोले- जिन्होंने प्राण अर्पण किए, आज उनकी आत्मा तृप्त हुई
RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा- राम मंदिर आंदोलन में लोगों ने अपने प्राण अर्पण किए। आज उनकी आत्मा तृप्त हुई होगी। आज वास्तव में अशोक जी को वहां शांति मिली होगी। उन्होंने अपने प्राण अर्पण किए और अपना पसीना बहाया। जो पीछे रहे, वे भी मन में इच्छा करते रहे कि मंदिर बनेगा और आज मंदिर निर्माण की शास्त्रीय प्रक्रिया पूर्ण हो गई। ध्वजारोहण हो गया… हमने इसे अपनी आंखों से देखा है। रथ चलाने के लिए सात-सात घोड़े हैं, उन्हें नियंत्रित करने के लिए लगाम है। रस्सा नहीं है, सारथी नहीं है तो ऐसी गाड़ी नहीं चल सकती। शांति बांटने वाला भारतवर्ष खड़ा करना है.. यही विश्व की अपेक्षा है। योगी बोले- पीढ़ियों की प्रतीक्षा साकार हुई
सीएम योगी ने कहा कि ध्वजारोहण यज्ञ की पूर्णाहुति नहीं, बल्कि नए युग का शुभारंभ है। भाजपा सरकार बनने पर 2014 में जिस संभावना, संकल्प और विश्वास का सूर्योदय हुआ, आज वही तपस्या और अनगिनत पीढ़ियों की प्रतीक्षा साकार हुई। श्रीराम मंदिर पर फहराता केसरिया ध्वज धर्म, मर्यादा, सत्य-न्याय और राष्ट्रधर्म का भी प्रतीक है। संकल्प का कोई विकल्प नहीं होता। सभी ने 11 वर्षों में बदलते भारत को देखा है। 500 वर्षों में साम्राज्य बदले, पीढ़ियां बदलीं, लेकिन आस्था अडिग रही। आस्था न झुकी, न रुकी। जन-जन का विश्वास अटल था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे संगठन के हाथों में कमान आई तो हर मुंह से एक ही उद्घोष निकलता था- रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे। लाठी-गोली खाएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे।’ एक समय था, जब वैभवशाली अयोध्या संघर्ष और बदहाली का शिकार बन चुकी थी, लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व में अयोध्या उत्सवों की वैश्विक राजधानी बन रही है। यहां हर दिन पर्व है, हर दान प्रताप है और हर दिशा में रामराज्य की पुनर्स्थापना की दिव्य अनुभूति हो रही है।
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