पीलीभीत में धान खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने और बिचौलियों को खत्म करने के लिए जिलाधिकारी ने गुरुवार को सख्त निर्देश जारी किए हैं। अब सभी धान क्रय केंद्रों पर खरीद की शत-प्रतिशत वीडियोग्राफी कराई जाएगी। इसके साथ ही, धान बेचने वाले किसानों का कंट्रोल रूम से 100% सत्यापन भी सुनिश्चित किया जाएगा। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि जिन राइस मिलों ने क्रय केंद्रों के साथ एग्रीमेंट नहीं किया है या फोर्टिफाइड राइस कर्नल (FRK) का ऑर्डर नहीं दिया है, उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर उनके FSSAI लाइसेंस निरस्त करने और उन्हें ब्लैकलिस्ट करने की कार्रवाई की जाएगी। जिला फूड मार्केटिंग ऑफिसर विजय कुमार शुक्ला ने बताया कि जनपद में अब तक कुल 10,970 किसानों से 82,301.24 मीट्रिक टन धान खरीदा जा चुका है। खरीद एजेंसियों में खाद्य विभाग सबसे आगे है। किसानों को अब तक 16,703 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है, जो कुल खरीद का 91 प्रतिशत है। 95 प्रतिशत किसानों का भुगतान 48 घंटों के भीतर किया जा रहा है। जिन किसानों के बैंक खाते एनपीसीआई (NPCI) से मैप नहीं हैं, उन्हें बैंक भेजकर मैपिंग कराकर भुगतान सुनिश्चित किया जा रहा है। धान क्रय प्रक्रिया में अनियमितता मिलने पर अधिकारियों ने सख्त कार्रवाई की है। पूरनपुर तहसील में एक बिचौलिए पर एफआईआर दर्ज की गई है। तीन क्रय एजेंसियों के जिला प्रबंधकों को कारण बताओ नोटिस जारी हुआ है, और 51 धान क्रय केंद्र प्रभारियों का एक दिन का वेतन रोका गया है। इसके अतिरिक्त, छह प्रभारियों पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई की संस्तुति की गई है। जिलाधिकारी ने सभी प्रभारियों को निर्देश दिया है कि किसी भी किसान का धान अस्वीकृत करने से पहले उसे सुखाने का मौका दिया जाए। अस्वीकृति के समय दो गवाहों की उपस्थिति में नमूना सील करना अनिवार्य होगा। किसानों से अपील की गई है कि वे क्रय केंद्रों पर अधिकतम 17.0% नमी वाला मानक धान ही लाएँ। प्रत्येक बोरे पर स्टेंसिल लगाना अनिवार्य है। बिना स्टेंसिल के धान मिलने पर इसे शासनादेश का उल्लंघन माना जाएगा।
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