उन्नाव के धानीखेड़ा स्थित 33/11 केवी विद्युत उपकेंद्र का पांच एमवीए का पावर ट्रांसफार्मर फुंक गया। पिछले कुछ दिनों से इस उपकेंद्र से बिजली आपूर्ति प्रभावित हो रही थी। जांच में सामने आया कि ट्रांसफार्मर पर निर्धारित सीमा से अधिक लोड था, जिस पर जिम्मेदार अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। इसके परिणामस्वरूप भगवंतनगर क्षेत्र की बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम मुख्यालय ने इस मामले को गंभीरता से लिया। निगम की प्रबंध निदेशक रिया केजरीवाल ने धानीखेड़ा उपकेंद्र के अवर अभियंता (जेई) आशीष कुमार चौधरी और भगवंतनगर के एसडीओ शशिकांत वर्मा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। अधीक्षण अभियंता योगेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि दोनों अधिकारियों को कर्तव्य में लापरवाही के कारण निलंबित किया गया है। उन्होंने उपकेंद्रों पर लोड की नियमित निगरानी के महत्व पर जोर दिया। इस बीच, अक्टूबर 2025 में सामने आए एक अन्य मामले में भी कार्रवाई हुई है। सिविल लाइन क्षेत्र में उपभोक्ता अनुपमा शुक्ला का कनेक्शन बिना संशोधित बिल दिए काटने और बिल संशोधन के नाम पर वसूली के आरोप लगे थे। इस मामले की जांच के बाद मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने एक्सईएन प्रथम सौरभ निगम का गैर जनपद तबादला कर दिया। सौरभ निगम को मध्यांचल से हटाकर पश्चिमांचल विद्युत निगम लिमिटेड के अधीन स्थानांतरित किया गया है, जिसमें सहारनपुर, मुरादाबाद और मुजफ्फरनगर क्षेत्र शामिल हैं। इस प्रकरण में पहले जेई मुकेश भारती और एसडीओ सुशील कुमार को अक्टूबर में निलंबित किया गया था, हालांकि उन्होंने कोर्ट से स्टे आदेश प्राप्त कर अपने पदों पर वापसी कर ली है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, निगम वसूली और बिल हेरफेर की शिकायतों को गंभीरता से ले रहा है। आगे भी कड़े कदम उठा सकता है। लगातार सामने आ रहे इन मामलों ने विभागीय कार्यप्रणाली और निगरानी तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उपभोक्ता भी उम्मीद कर रहे हैं कि कार्रवाई केवल कागजी न रहने पाए, बल्कि बिजली व्यवस्था को सुधारने के लिए मैदान में ठोस कदम उठाए जाएं।
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