प्रयागराज में इलाज में लापरवाही के आरोपों से जुड़े दो मामले सामने आए हैं, जिनमें अलग-अलग थाना क्षेत्रों में दो डॉक्टरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। पहला मामला जॉर्जटाउन थाना क्षेत्र का है, जबकि दूसरा कर्नलगंज थाना क्षेत्र से जुड़ा है। इन दोनों मामलों में एक मुकदमा सीधे तहरीर पर दर्ज हुआ है, जबकि दूसरा मामला अदालत के आदेश पर पंजीकृत किया गया है। दो डॉक्टरों के अलावा आईसीयू स्टाफ भी आरोपी प्रयागराज के जॉर्ज टाउन थाना क्षेत्र स्थित साकेत मैटरनिटी एंड नर्सिंग होम में कथित गंभीर चिकित्सीय लापरवाही से एक महिला की मौत के मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। मृतका के पति महेश कुमार मिश्र की तहरीर पर नर्सिंग होम के प्रबंधक/संचालक डॉ. एस.डी. वर्मा, डॉक्टर आनंद मिश्रा, आईसीयू स्टाफ सहित अन्य के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया है। आईसीयू में भर्ती को लेकर गंभीर आरोप एफआईआर के अनुसार 45 वर्षीय विभा मिश्रा की तबीयत बिगड़ने पर 2 अगस्त 2025 की सुबह उन्हें साकेत नर्सिंग होम लाया गया, जहां ओपीडी से सीधे आईसीयू में भर्ती कर ऑक्सीजन लगा दी गई। जबकि भर्ती के समय बीपी, आरबीएस, पल्स और एसपीओ₂ सामान्य बताए गए हैं। तहरीर में आरोप है कि मरीज की हालत आईसीयू स्तर की गंभीर नहीं थी, इसके बावजूद कूटरचित तथ्यों के आधार पर गंभीर सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कराए गए। गलत इलाज और प्रोटोकॉल उल्लंघन का आरोप एफआईआर में कहा गया है कि डॉ. एस.डी. वर्मा सर्जन होते हुए भी फेफड़ों से संबंधित इलाज करते रहे और दिनभर खतरनाक दवाओं का प्रयोग किया गया। आरोप है कि अल्ट्रासाउंड में सभी आंतरिक अंग सामान्य थे, फिर भी गलत उपचार से मरीज की हालत बिगड़ती चली गई और वह मल्टी ऑर्गन फेलियर की स्थिति में पहुंच गई। रेफर करने में देरी, दूसरे अस्पताल में मौत आईसीयू बीपी चार्ट के अनुसार हालत गंभीर होने के बाद परिजनों पर मरीज को अन्यत्र ले जाने का दबाव बनाया गया। इसके बाद मरीज को आरोग्यवरम् क्रिटिकल केयर अस्पताल ले जाया गया, जहां 4 अगस्त 2025 को करीब 3 बजे हार्ट अटैक से उसकी मृत्यु हो गई। सीएमओ जांच में गंभीर लापरवाही एफआईआर में मुख्य चिकित्सा अधिकारी के आदेश संख्या 6862 दिनांक 6 अक्टूबर 2025 के तहत गठित मेडिकल बोर्ड की जांच रिपोर्ट का हवाला दिया गया है, जिसमें गंभीर चिकित्सीय लापरवाही, आईसीयू प्रोटोकॉल उल्लंघन, गलत दवाओं का प्रयोग, समय पर रेफर न करना और आर्थिक शोषण की पुष्टि होने का उल्लेख है। जॉर्जटाउन पुलिस का कहना है की जांच की जा रही है। जो भी आरोप लगाए गए हैं उनके संबंध में साथियों का संकलन किया जा रहा है। अस्पताल संचालक नामजद, कर्मचारी भी बनाए गए आरोपी उधर कर्नलगंज थाना क्षेत्र में स्थित गंगादीप अस्पताल के निदेशक डॉ. उधर ओ.पी. गुप्ता, अस्पताल कर्मचारियों और तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ विशेष सीजेएम न्यायालय के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया है। वरिष्ठ अधिवक्ता अवधेश कुमार मिश्र ने अदालत में आरोप लगाया कि बाएं पैर में सूजन के इलाज के दौरान बिना स्पष्ट जांच के गलत उपचार किया गया और इलाज के नाम पर भारी धनराशि वसूली गई। आरोप है कि रुपये देने से इनकार करने पर मारपीट, धमकी और जबरन पैसे छीने गए। बाद में मरीज को लखनऊ के निजी अस्पताल में ऑपरेशन कराना पड़ा, जहां उसकी जान बच सकी। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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