देवरिया जिले में 1387 शिक्षामित्र और अनुदेशक पिछले छह महीने से अपने मानदेय का इंतजार कर रहे हैं। मुख्यमंत्री के आदेश पर 21 मई से 10 जून 2025 तक आयोजित समर कैंप में शिक्षण कार्य करने वाले इन शिक्षाकर्मियों को अब तक भुगतान नहीं मिल पाया है। गर्मी की छुट्टियों के दौरान परिषदीय विद्यालयों में हुए समर कैंप में शिक्षामित्रों और अनुदेशकों ने बच्चों को पढ़ाने, विभिन्न गतिविधियों को संचालित करने और सीखने-सिखाने का माहौल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस कार्य के लिए शासन द्वारा प्रति व्यक्ति 6000 रुपये मानदेय स्वीकृत किया गया था। सूत्रों के अनुसार, जिले में 83 लाख रुपये से अधिक का मानदेय लंबित है। जानकारी के मुताबिक, दिवाली से पहले ही इसके लिए आवश्यक बजट आवंटित हो चुका था। इसके बावजूद भुगतान न होने से शिक्षामित्र और अनुदेशक लगातार आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। इस संबंध में उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश सचिव फारुख अहमद खान ने गहरी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि समर कैंप मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं में शामिल था, और इसे सफल बनाने में शिक्षामित्रों व अनुदेशकों ने पूरी निष्ठा से काम किया, लेकिन उन्हें अब तक उनका हक नहीं मिला है। फारुख अहमद खान ने जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग से तत्काल बकाया मानदेय का भुगतान करने की मांग की है, ताकि शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को राहत मिल सके। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द भुगतान नहीं हुआ, तो संगठन आंदोलनात्मक कदम उठाने पर बाध्य होगा।
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