देवरिया के साकेत नगर स्थित शुभम वाटिका में सोमवार को जय जागृति फाउंडेशन के तत्वावधान में श्री राधा माधव रसामृत कथा का भव्य शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत विधिवत पूजन-अर्चन के साथ की गई। व्यासपीठ पूजन का सौभाग्य भारत सरकार के अधिवक्ता और मुख्य यजमान संतोष तिवारी को प्राप्त हुआ। इस दौरान वैदिक मंत्रोच्चार और भक्ति संगीत से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। वृन्दावन से पधारीं कथा व्यास परम पूज्या देवी महेश्वरी श्री जी ने अपनी मधुर वाणी में श्री राधा-माधव की प्रेरणादायी जीवनी का विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण और श्रीराधा रानी की बाल लीलाएं प्रेम, भक्ति और अलौकिक आनंद से परिपूर्ण हैं। देवी महेश्वरी श्री जी ने कहा कि श्रीकृष्ण की लीलाएं गोप-गोपियों, ब्रजवासियों और विशेष रूप से श्रीराधा रानी के साथ जुड़ी हुई हैं, जो भक्तों के हृदय को भाव-विभोर कर देती हैं। कथा व्यास ने भगवान श्रीकृष्ण के मथुरा के कारागार में जन्म लेने और पिता वसुदेव द्वारा उन्हें गोकुल में नंद बाबा व माता यशोदा के संरक्षण में पहुंचाने का प्रसंग सुनाया। वहीं, श्रीराधा रानी का जन्म बरसाना में वृषभानु जी और माता कीर्ति के यहां दिव्य ज्योति स्वरूप होने की मान्यता बताई। उन्होंने श्रीकृष्ण और राधा रानी के प्रथम मिलन का भी सुंदर वर्णन किया। उन्होंने बताया कि जब श्रीकृष्ण ने पहली बार वृन्दावन में प्रवेश किया, तब यमुना तट पर खेल रहीं श्रीराधा अपनी सखियों सहित उन्हें देखकर आकर्षित हो गईं। इसी क्षण से उनके बीच प्रेम और भक्ति का दिव्य संबंध स्थापित हुआ। कथा के प्रथम दिवस आयोजन समिति के नित्यानंद उपाध्याय, चंद्रशेखर दीक्षित, आनंद द्विवेदी, विजय तिवारी, राजेश त्रिपाठी, सौरभ तिवारी, आशुतोष मणि और सुमन मालवीय सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त, भाजपा क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानंद राय, पूर्व राज्यमंत्री नीरज शाही, ब्लॉक प्रमुख पिंटू जैसवाल और सौम्य वत्सल मिश्र समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने कथा का रसपान किया। कथा स्थल पर भक्ति, श्रद्धा और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला। आयोजन समिति ने बताया कि आगामी दिनों में भी कथा के दौरान श्रीराधा-माधव की लीलाओं का विस्तृत वर्णन किया जाएगा।
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