देवरिया में पंचायत एवं निकाय मोर्चा ने सोमवार को कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन किया। मोर्चा के संयोजकों, जनप्रतिनिधियों, जिला पंचायत सदस्यों, ग्राम प्रधानों और अन्य प्रतिनिधियों ने उपजिलाधिकारी (एसडीएम) को एक ज्ञापन सौंपा, जिसे जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा गया। ज्ञापन में चीनी मिलों के पुनरुद्धार और जनप्रतिनिधियों की सुविधाओं में वृद्धि सहित कई मांगें उठाई गईं। प्रदर्शन के दौरान, जनप्रतिनिधियों ने प्रदेश और केंद्र सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। संयुक्त पंचायत एवं निकाय मोर्चा के संयोजक ब्रजेंद्र मणि त्रिपाठी ने बताया कि सरकार ने देवरिया जिले की चीनी मिलों के पुनरुद्धार का वादा किया था। हालांकि, सरकार बनने के बाद से इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिससे जिले के गन्ना किसानों में भारी आक्रोश है। ब्रजेंद्र मणि त्रिपाठी ने कहा कि चीनी मिलों के बंद या जर्जर होने के कारण किसानों को अपनी गन्ने की उपज बेचने में कठिनाई हो रही है। इससे उन्हें लगातार आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। मोर्चा के नेताओं ने पंचायत और निकाय स्तर के जनप्रतिनिधियों को मिलने वाली सुविधाओं में बढ़ोतरी की भी मांग की। उन्होंने तर्क दिया कि ग्राम प्रधान, बीडीसी सदस्य, जिला पंचायत सदस्य और नगर निकाय प्रतिनिधि जमीनी स्तर पर सरकारी योजनाओं को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके बावजूद, उन्हें न तो पर्याप्त मानदेय मिलता है और न ही सामाजिक सुरक्षा की सुविधाएं उपलब्ध हैं। इस ज्ञापन में जनप्रतिनिधियों के लिए पेंशन व्यवस्था लागू करने, यात्रा भत्ता, कार्यालय सुविधा और अन्य मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने की मांग भी शामिल थी। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र विचार नहीं किया गया, तो पंचायत एवं निकाय मोर्चा अपने आंदोलन को और तेज करेगा। इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में पंचायत और निकाय प्रतिनिधियों की उपस्थिति के कारण कलेक्ट्रेट परिसर में काफी देर तक गहमागहमी का माहौल रहा। प्रशासन ने ज्ञापन स्वीकार करते हुए मांगों को उच्च स्तर तक पहुंचाने का आश्वासन दिया है।
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