देवरिया जिले में सोमवार को हल्की पछुआ हवाओं के साथ घना कोहरा और शीतलहर का प्रकोप जारी रहा। पिछले छह दिनों से तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है, जिससे सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। लोग ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा लेते दिखे। सड़क किनारे, फुटपाथों और खुले स्थानों पर रहने वाले गरीब, बेसहारा और कमजोर वर्ग के लोगों को सर्वाधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उनके पास पर्याप्त गर्म कपड़े या ठंड से बचाव के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। ऐसे में वे लकड़ी, कूड़ा-कचरा, पुराने टायर या अन्य ज्वलनशील सामग्री जलाकर ठंड से राहत पाने का प्रयास कर रहे हैं। नगर पालिका परिषद ने अलाव के लिए लकड़ी आपूर्ति की टेंडर प्रक्रिया पूरी होने का दावा किया है। हालांकि, शहर के कई प्रमुख चौराहों, बाजारों और सार्वजनिक स्थलों पर अलाव की पर्याप्त व्यवस्था नहीं दिख रही है, जिससे लोगों में नाराजगी है। सोमवार को जिले का न्यूनतम तापमान लगभग 10 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान करीब 20 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। ठंड के कारण लोग घरों में रहने को मजबूर हैं, जिसका असर सड़कों पर सन्नाटे के रूप में दिखाई दे रहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी शीतलहर ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। तापमान गिरने के कारण शाम ढलते ही बाजारों और सड़कों पर सन्नाटा पसर जाता है। चट्टी-चौराहों पर काम करने वाले मजदूर, दुकानदार और राहगीर इससे सर्वाधिक प्रभावित हैं। कई स्थानों पर अलाव की व्यवस्था न होने के कारण लोग प्लास्टिक और कूड़ा जलाने को मजबूर हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले कुछ दिनों तक कोहरे और शीतलहर से राहत मिलने की संभावना कम है।
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