देवरिया में आधार से अभिभावकों के बैंक खाते लिंक (सीडेड) न होने के मामले में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) शालिनी श्रीवास्तव ने सख्त कार्रवाई की है। जिले के 30 परिषदीय और सहायता प्राप्त विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों, प्रभारी प्रधानाध्यापकों, सहायक अध्यापकों और अन्य कर्मचारियों का वेतन अगले आदेश तक रोक दिया गया है। इस कदम से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। यह कार्रवाई परिषदीय और सहायता प्राप्त विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को स्वेटर, स्कूल बैग, जूता-मोजा आदि के लिए राज्य सरकार द्वारा डीबीटी के माध्यम से 1200 रुपए की धनराशि अभिभावकों के बैंक खातों में भेजे जाने से संबंधित है। इन 30 विद्यालयों में पंजीकृत लगभग 7900 छात्रों में से 866 छात्रों के अभिभावकों के बैंक खाते अभी तक आधार से सीडेड नहीं हो पाए हैं, जिससे धनराशि हस्तांतरित नहीं हो सकी है। बीएसए को इस संबंध में लगातार शिकायतें मिल रही थीं। उच्चाधिकारियों के बार-बार निर्देशों के बावजूद संबंधित विद्यालयों द्वारा अपेक्षित प्रगति नहीं की गई। बीएसए शालिनी श्रीवास्तव ने इसे विभागीय आदेशों की अवहेलना बताया और कहा कि इससे जिले की रैंकिंग और ग्रेडिंग भी प्रभावित हो रही है। उन्होंने बताया कि जिन विद्यालयों में 20 से अधिक और 39 से कम छात्रों के अभिभावकों के खाते आधार से लिंक नहीं हैं, वहां के पूरे स्टाफ का वेतन अग्रिम आदेश तक रोका गया है। वहीं, 20 से कम लंबित मामलों वाले विद्यालयों को कड़ी चेतावनी जारी की गई है। वेतन रोके जाने वाले विद्यालयों में सिरजम, बापू इंटर कॉलेज बनकटा, देईडीहा बरहज, श्रीहनुमान विद्या मंदिर इंटर कॉलेज बरहज, बीजीएम इंटर कॉलेज भागलपुर, दयानंद इंटर कॉलेज भागलपुर, ज्ञानप्रकाश इंटर कॉलेज भलुअनी, जीआरबी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय उसका भटनी, अंजुमन जूनियर हाईस्कूल, राजकीय इंटर कॉलेज, बापू इंटर कॉलेज सलेमपुर, अशोक इंटर कॉलेज रामपुर कारखाना, नवतप्पी इंटर कॉलेज तरकुलवा सहित अन्य विद्यालय शामिल हैं। बीएसए शालिनी श्रीवास्तव ने निर्देश दिया है कि शेष लंबित खातों को शीघ्र आधार से लिंक कराकर डीबीटी प्रक्रिया पूरी कराई जाए, अन्यथा आगे और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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