इटावा में पॉक्सो एक्ट और दुष्कर्म के एक मामले में विशेष न्यायाधीश विनीता विमल की अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोषी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना अदा न करने पर उसे चार माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अपर जिला शासकीय अधिवक्ता दशरथ सिंह चौहान ने बताया कि यह मामला डेढ़ साल पुराना है। चकर नगर थाना क्षेत्र के एक गांव की 12 वर्षीय किशोरी 2 मार्च 2024 को दोपहर में बकरियां चराने खेतों पर गई थी। इसी दौरान रुझिया गांव निवासी सुरेश पुत्र छेदा लाल ने उसे पैसों का लालच देकर अपने पास बुलाया और उसके साथ दुष्कर्म किया। घटना के समय किशोरी के पिता घर पर नहीं थे। 6 मार्च को पिता के घर लौटने पर किशोरी ने उन्हें पूरी बात बताई। इसके बाद पिता किशोरी को लेकर थाने पहुंचे और पुलिस को घटना की जानकारी दी। पुलिस ने तहरीर के आधार पर दुष्कर्म की धाराओं में मामला दर्ज कर आरोपी सुरेश को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।पुलिस ने छानबीन के बाद सुरेश दोहरे के खिलाफ पॉक्सो एक्ट और दुष्कर्म की धाराओं में आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया। मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट की अदालत में हुई। सरकार की ओर से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता दशरथ सिंह चौहान और आशीष तिवारी ने पैरवी की। उनके द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर कोर्ट ने सुरेश दोहरे को दोषी पाया और उसे 20 साल के कठोर कारावास तथा 50 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। जुर्माना अदा न करने पर उसे चार माह का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा।
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