मेरठ में बॉयफ्रेंड फंदे पर लटक गया। ये सुनकर उसकी गर्लफ्रेंड ने 1 घंटे बाद सुसाइड कर लिया। लड़के को तो गांव के लोगों ने बचा लिया। मगर लड़की की जान चली गई। ये दोनों घटनाएं उलधन गांव में सिर्फ 300 मीटर के फासले पर हुईं। ये लव स्टोरी सिर्फ 8 महीने पुरानी थी। बॉयफ्रेंड दीपांशु को सलमा (बदला हुआ नाम) के परिवार वाले पसंद नहीं करते थे। मामला अलग-अलग धर्मों से जुड़ा होने का भी विवाद था। गांव में पंचायत भी हुई थी, मगर कोई फैसला नहीं हो सका। अब लड़की के परिवार ने बेटी की लाश देखकर आरोप लगाएं– जब हमने बेटी की बॉडी देखी, वो जमीन पर पड़ी हुई थी। हमारी बच्ची के गले पर फंदा था। पास में डंडा पड़ा हुआ था। हमें संदेह है कि हमारी बच्ची के गले में फंदा डालकर उसकी हत्या कर दी गई है। पुलिस ने लड़के के परिजनों के खिलाफ FIR कराई है। वहीं, लड़के का हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है। लव स्टोरी में सुसाइड की इस कहानी को और करीब से समझने के लिए दैनिक भास्कर टीम शहर से 22 km दूर खरखौदा पहुंची। पढ़िए रिपोर्ट… गांव का माहौल लोग बोले- बेटी तो गई, मगर ये लोग सिर उठाकर चल नहीं सकेंगे
मेरठ से हापुड़ रूट पर खरखौदा इलाके में गांव उलधन में यह वाकया हुआ था। हाईवे से अंदर आते हुए लोगों के बीच इस घटना की चर्चा होती मिली। एक जगह चाय पीने के लिए हमारी टीम रुकी, यहां पर लोग कह रहे थे कि लड़की के पिता तो मजदूर हैं। 5 भाई-बहन हैं, इन सबकी जिम्मेदारी तो पिता पर ही है, अब ये कलंक लग गया है। बेटी तो खो ही चुके हैं, अब समाज में सिर उठाकर नहीं चल सकेंगे। लोगों की बातों को समझते हुए हम उस गली में पहुंचे, जहां सलमा का घर था। घर की दीवारों पर प्लास्टर नहीं था। परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी। यहां बहुत भीड़ थी। घर के अंदर महिलाएं रो रही थीं। लोग आपस में बात कर रहे थे कि यहीं से 300 मीटर दूर दीपांशु का घर है। उसके पिता किसान हैं, दीपांशु से बड़े 2 भाई हैं, जिनकी शादी हो चुकी है। दीपांशु कोई जॉब नहीं करता था। लड़की के परिजनों की बात
चाचा बोले- मेरी भतीजी को मार डाला
घर के बाहर ही हमारी मुलाकात सलमा के परिवार के लोगों से हुई। लड़की के चाचा से हमने पूछा- बच्ची के साथ क्या हुआ था? वह कहते हैं- हम लोग मसूरी में रहते हैं। यहां हमारे मां-पिता और भाई का परिवार रहता है। हमें तो यहीं कॉल आया था कि बेटी की हत्या कर दी गई है। पिता बोले- पंचायत में विवाद, फिर मुझे, बेटी को पीटा
लड़की के पिता ने कहा- हम इस शादी के खिलाफ थे। हमारा धर्म अलग-अलग है, हम क्या करते। समाज में मुंह दिखाएंगे या नहीं। 21 नवंबर की रात को भी पूरे मामले को सुलझाने के लिए अपनी बेटी को साथ लेकर गए थे। पहले लड़के के घर पर सब लोग बैठे, वहां पंचायत में विवाद हो गया। फिर इन लोगों ने मुझे और मेरी बेटी को पीटा था। आप समझिए, मेरी बेटी को दीपांशु की मां घर से बुलाकर ले गई थी। इसके बाद क्या हुआ? ये नहीं पता, लेकिन सिर्फ इतना जानते हैं कि मेरी बेटी को मार दिया गया है। मैं दीपांशु की तबीयत पूछने उसके घर गया था, वहां उन लोगों ने मुझे मारापीटा, गंदी गालियां देकर धक्के मारकर बाहर निकाल दिया। उनका लड़का तो जिंदा है, लेकिन उन्होंने हमारी बेटी की हत्या कर दी है। बुआ बोलीं- लड़की की बॉडी के पास डंडा क्यों था
करीब खड़ी लड़की की बुआ कहती हैं- लड़की के गले में फंदा था। जब पुलिस पहुंची, तब लड़की की बॉडी सोफे के पास जमीन पर पड़ी हुई थी। एक मोटा डंडा करीब 3 इंच का, लड़की की गर्दन के पास पड़ा हुआ था। मुझे भी यह सब देखकर लगा ही नहीं कि बच्ची ने सुसाइड किया है। जब मैंने ये बात कही, तो वहां मौजूद लोगों ने मुझे घर से बाहर निकाल दिया। अब दीपांशु के परिजनों की बात लोग बोले- परिवार में झगड़ा, ये लोग छिपकर मिलते थे
लड़की के परिवार की बात समझने के बाद हम 300 मीटर दूर लड़के दीपांशु के घर की तरफ आ गए। यहां भी पड़ोसियों का जमावड़ा था। यहां लोग बातें कर रहे थे कि सलमा और दीपांशु के परिवारों में झगड़ा था, मगर ये लोग छिप-छिपकर मिलते थे। सलमा अभी बालिग नहीं हुई थी। मार्केट में इन लोगों की मुलाकात हुई थी। दोस्ती होने के बाद ये लोग मिलने लगे थे। ये बात भी पूरे गांव में फैल चुकी थी कि ये दोनों शादी करना चाहते थे। इस दोनों की शादी नहीं होने के पीछे हमें 2 कारण बताए गए। पहला- लड़का हिंदू है, जबकि लड़की मुस्लिम थी। इसलिए परिवार इस शादी पर रजामंद नहीं थे। दूसरा- दीपांशु के पास नौकरी नहीं थी। लड़की के परिवार इसको लेकर पूरे गांव के सामने विरोध दर्ज करा चुके थे। परिवार की मर्जी से अलग दोनों शादी करना चाहते थे। सलमा अपने परिवार में जिद पर अड़ गई थी कि जिससे प्यार करती हूं, उसी से शादी भी करूंगी। बहन बोली- 10 लाख रुपए मांग रहे थे, धमकी थी कि झूठे केस में फंसा देंगे
दीपांशु की बहन नीतू कहती हैं- लड़की की बुआ ने हमारे पिताजी से 10 लाख रुपए की मांग की थी। उन्होंने अपनी लड़की से कहा कि तुम दीपांशु के पिता से कहो कि तुमको 10 लाख रुपए दें, नहीं तो तुम उनकी शिकायत कर झूठा केस करा दोगी। इससे दुखी होकर मेरा भाई शीशम के पेड़ पर लटक गया। तभी गांववालों ने उनको देख लिया और हमने अपने भाई को बचा लिया। वो पेड़ से लटके थे, लेकिन सांस चल रही थी। हमने उन्हें बचा लिया। इसके बाद हम अपने भाई को पेड़ से उतारकर घर ले आए। हम भाई को लेकर घर आ गए। फिर मैं प्रधान के घर गई। जहां वो लड़की उसकी बुआ मुझे मिले। तब मैंने बताया कि तुम्हारी वजह से मेरे भाई ने फांसी लगा ली। इसके बाद मैं प्रधान के घर से लौट आई। पीछे से वो लड़की भी हमारे घर मेरे भाई को देखने आ गई, फिर भाई को देखने के बाद वो लड़की दोबारा प्रधान के घर गई। जहां उसने फांसी लगाकर जान दे दी। भाभी बोली- वो मेरे देवर को टॉर्चर कर रही थी
दीपांशु की भाभी ज्योति का आरोप है कि वो लड़की चार-पांच बार हमारे घर आई। मैंने उसे शुक्रवार को ही पहली बार देखा। वो दो बजे के बाद हमारे घर आई। उसने हमारे घर एक वीडियो बनवाया और अपना बयान दिया। इसके बाद वो लड़की वापस चली गई। वो कई बार हमारे घर के चक्कर काटती रही। मेरे देवर को वो टॉर्चर करती रही कि चलो प्रधान के घर चलेंगे। वो बार-बार मेरे देवर को परेशान करती रही। 2 महीने पहले लड़की के घरवालों ने मेरे देवर पर रेप का केस लगाया था। बाद में केस खत्म हो गया था। अब 21 नवंबर की शाम गांव उलधन में जो हुआ, वो जानिए… 1.30 बजे जंगल में दोनों मिले, फिर परिवार पहुंचा
सलमा और दीपांशु के अफेयर के बारे में पूरे गांव को पता था। गांव में पहले भी पंचायत हो चुकी थीं। ये भी तय हुआ था कि दोनों एक-दूसरे से नहीं मिलेंगे। परिवार के आगे दोनों ने रजामंदी दी, मगर छिप-छिपकर मुलाकातें करते रहे। 21 नवंबर की दोपहर करीब 1.30 बजे दोनों गांव के बाहर जंगल में मिले। गांव के लोगों ने उन्हें देख लिया था। इसकी जानकारी सलमा के परिवार को दी। सलमा के अब्बू जंगल में पहुंचे। वहां से बेटी को डांटा और समझाया, लेकिन वो नहीं मानी। तब तक वहां गांव के लोग भी आ गए। बोले- एक काम करते हैं, जब लड़का-लड़की मान नहीं रहे हैं, तो एक काम करते हैं कि ग्राम प्रधान डॉ. संयोगिता के घर चलते हैं, वो ही लड़की को समझाएंगी। इस तरह से तो गांव का माहौल खराब हो जाएगा। लड़की को काउंसिलिंग के लिए ग्राम प्रधान के घर लाए
इस घटना के बाद बॉयफ्रेंड दीपांशु अपने घर चला गया। देर शाम तक सलमा ग्राम प्रधान के घर रही। वहां उसे काफी समझाया गया कि वो दीपांशु से शादी की जिद छोड़ दे, लेकिन लड़की नहीं मानी। इसी दरम्यान लड़की की बुआ और छोटी बहन भी ग्राम प्रधान के घर आ गईं। उन्होंने भी समझाने का प्रयास किया, लेकिन सलमा नहीं मानी। तभी सलमा को उसकी बहन ने बताया कि क्या तुम्हें पता है कि दीपांशु खेत के पास पेड़ की डाल से फंदे पर लटक गया था। सुसाइड कर लिया है। सलमा ये सुनने के बाद दौड़ते हुए दीपांशु के घर पहुंची। घर के गेट पर ही परिवार ने उसको रोक लिया। सलमा को ये लगने लगा कि दीपांशु अब बचेगा नहीं, वो मर चुका है। वो वहां गिड़गिड़ाती रही, लेकिन दीपांशु के परिवार के लोग भी अड़े रहे। रास्ते में कहती हुई गई- वो क्या मरेगा, मैं मरकर दिखाऊंगी
अब सलमा दोबारा प्रधान के घर पहुंची। वो बहुत रो रही थी, रास्ते में जो गांव के लोग उससे मिल रहे थे, वो उन्हें कह रही थी कि ये दीपांशु क्या मरेगा, उसे तो मैं मरकर दिखाऊंगी, मरना क्या होता है, ये मैं बताऊंगी। ये कहते हुए लड़की प्रधान के घर पहुंच गई। वहां उसे सभी ने समझाया कि शादी की जिद छोड़ दे। इसके बाद प्रधान के घर पर लोग काम में लग गए। आरोप है कि लड़की अकेली थी। उसने प्रधान के घर के ड्राइंग रूम में दरवाजे के पीछे बनी खूंटी से लटककर जान दे दी। लड़की ने अपने दुपट्टे से फंदा बनाया और खूंटी से लटक गई। ग्राम प्रधान की बात बेटी ने सबसे पहले उसे लटका हुआ देखा
ग्राम प्रधान डॉ. संयोगिता कहती हैं- मैं किचन में चाय बनाने गई थी। बच्चे खेल रहे थे, लड़की कमरे में अकेली थी। तभी बच्चे अंदर आए देखा कि सलमा फंदे पर लटकी हुई थी। उसके मुंह से झाग निकल रहा है। मैं किचन से दौड़ते हुए आई, फौरन पुलिस और लड़की के घरवालों को बुलाया। पुलिस ने आकर लड़की को उतारा, देखा तो वो मर चुकी थी। इसके बाद पुलिस लाश लेकर चली गई। दीपांशु को फांसी लगाते लोगों ने देख लिया
दीपांशु ने शुक्रवार को लगभग 4.30 बजे अपने घर से 200 मीटर दूर खेत में ट्यूबवेल के पास शीशम के पेड़ से लटककर फांसी लगाई थी। लेकिन लोगों ने उसे समय रहते देख लिया और बचा लिया। फिलहाल दीपांशु खरखौदा के एनसीआर अस्पताल में भर्ती है। जहां उसका इलाज चल रहा है। अस्पताल में दीपांशु के साथ उसकी मां और बहन हैं, जबकि उसके पिता और भाई फरार हैं। दीपांशु के फंदे पर लटकने के एक घंटे बाद यानी 5.30 बजे किशोरी सलमा ने भी फांसी लगाकर जान दे दी। लड़की की डेडबॉडी को शुक्रवार को देर शाम दफन कर दिया गया है। CO बोले- दबिश दे रहे, जल्द पकड़ लेंगे
पूरे मामले में CO किठौर प्रमोद कुमार सिंह का कहना है- पीड़ित पक्ष की शिकायत के आधार पर मुकदमा लिखा गया है। मामले की जांच की जा रही है। खरखौदा थाने में दीपांशु उसके पिता मंगू, बहन नीतू और भाइयों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस दीपांशु के घरवालों की तलाश में दबिश दे रही है, लेकिन वो फरार हैं।
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