उन्नाव रेप केस में दोषी भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर की जमानत के खिलाफ रेप पीड़िता आज दिल्ली में सीबीआई ऑफिस पहुंची। जहां उसने बेल के खिलाफ एप्लिकेशन दी। पीड़िता ने कहा- मुझे डेढ़ घंटे इंतजार कराया गया। उसके बाद कर्मचारियों ने मेरी एप्लिकेशन ली। पहले मुझसे कहा गया कि आज छुट्टी है, मंडे को आना। लेकिन बाद एप्लिकेशन ले ली गई। सोमवार को बुलाया है। पीड़िता ने कहा- इस केस इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर (IO) ने मेरे साथ गलत किया है। वो कुलदीप सेंगर और जज से मिल गए हैं, जिसके चलते ही बेल मिली है ताकि रेप विक्टिम हार सके। उसकी हिम्मत टूट जाए। केस में आगे न बढ़ सके। पीड़िता के साथ उनका केस लड़ रहे सुप्रीम कोर्ट के वकील महमूद पार्चा और मां भी थी। मां बोली- हम CBI पर भरोसा कैसे करें पीड़िता की मां ने कहा- सीबीआई भले ही सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है लेकिन हम कैसे भरोसा कर लें। सीबीआई के अफसर मेरे वकील के साथ खड़े हों तभी तो हम मानेंगे कि वो मेरे साथ हैं। बता दें कि बीते दिन शुक्रवार को सीबीआई ने कुलदीप सेंगर की जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी। महिला एक्टिविस्ट को पुलिस उठाकर ले गई इधर, महिला एक्टिविस्ट योगिता भयाना समेत तमाम महिलाओं ने संसद भवन के बाहर प्रदर्शन किया। योगिता ने कहा- कुलदीप सेंगर को भाजपा सरकार बचा रही है। हमारे देश की बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। हम चाहते हैं कि उन्नाव रेप कांड की पीड़िता को न्याय मिले। उत्तराखंड की अंकिता भंडारी के मामले में भी दोषियों को बचाया जा रहा है। इन घटनाओं से देश की महिलाएं डरी हुई हैं। दिनभर शांति पूर्ण प्रदर्शन के बाद पुलिस ने उनसे उठने को कहा। लेकिन वो धरने पर बैठी रहीं। जिसके बाद पुलिस उन्हें और अन्य महिलाओं को खींचकर टांग ले गई। यूथ कांग्रेस नेताओं से पुलिस की हॉट टॉक इसके अलावा युवा कांग्रेस नेता भी संसद भवन के बाहर धरने पर बैठ गए। जिसके चलते पुलिस ने उनकी हॉट टॉक भी हुई। पुलिस उनसे कहती रही कि आप यहां धरना प्रदर्शन नहीं कर सकते। जिसपर कांग्रेस नेताओं ने कहा कि हम सड़क पर धरना नहीं दे रहे हैं। हम शांति से यहां बैठे हैं, ये हमारा कानूनी अधिकार है। दिल्ली हाईकोर्ट ने 15 लाख के बॉन्ड के साथ कंडीशनल बेल दी थी… 17 साल की लड़की को अगवा कर किया था रेप उन्नाव में कुलदीप सेंगर और उसके साथियों ने 2017 में नाबालिग को अगवा कर रेप किया था। मामले की जांच सीबीआई ने की थी। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने दोषी सेंगर को 20 दिसंबर, 2019 को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए उसे मृत्यु तक जेल में रखने के आदेश दिए थे। सेंगर पर 25 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया गया था। कुलदीप सेंगर की विधानसभा सदस्यता भी रद्द कर दी गई थी। उसे भाजपा ने पार्टी से निकाल दिया था। ‘दैनिक भास्कर’ ने 29 अक्टूबर को ही बता दिया था कि कुलदीप सिंह बिहार चुनाव के बाद जेल से बाहर आएगा। क्लिक करिए… दिल्ली में प्रदर्शन के दौरान पीड़ित ने कुलदीप सेंगर की सजा रद्द करने की मांग की थी। यूपी का केस सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली ट्रांसफर किया था 2017 में उन्नाव रेप का केस देशभर में काफी चर्चित रहा था। अगस्त 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप केस से जुड़े चार मामलों का ट्रायल दिल्ली ट्रांसफर कर दिया था। आदेश दिया था कि इसे रोजाना सुना जाए और 45 दिनों के भीतर पूरा किया जाए। दिसंबर 2019 में ट्रायल कोर्ट ने सेंगर को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। सेंगर ने इस फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। ट्रायल कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया था कि CBI पर्याप्त कदम उठाए, ताकि पीड़ित और उसके परिवार की जान और स्वतंत्रता की रक्षा की जा सके। इसमें परिवार की सहमति से पीड़ित के लिए मकान और पहचान बदलने की व्यवस्थाएं शामिल थीं। कोर्ट ने सेंगर को अधिकतम सजा सुनाते हुए कहा था- सेंगर के लिए कोई सहानुभूति नहीं है। एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में एक लोक सेवक होने के नाते, सेंगर को लोगों का विश्वास प्राप्त था, जिसे उसने तोड़ा और दुराचार का एक ही कृत्य ऐसा करने के लिए काफी था। अदालत के फैसले पर कुलदीप सेंगर जज के सामने गिड़गिड़ाने लगा था। उसने कहा था- कृपया मुझे न्याय दें, मैं निर्दोष हूं। मुझे इस घटना की जानकारी तक नहीं थी। अगर मैंने कुछ गलत किया है तो मेरी आंखों में तेजाब डाल दें या फांसी पर लटका दें। उन्नाव रेप केस की टाइमलाइन 42 महीने में 4 मौतें हुई थीं पीड़ित ने पीएम-सीएम को पत्र लिखकर बताया- विधायक ने रेप किया पीड़ित के पिता पर जानलेवा हमला किया गया कुलदीप सिंह सेंगर। सुबह 4 बजे कुलदीप सेंगर को हिरासत में लिया था एक्सीडेंट में मारी गईं पीड़ित की मौसी और चाची
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