संभल में पंजाबी समुदाय ने दिल्ली के झंडेवालान स्थित एक पौराणिक मंदिर-दरगाह के ध्वस्तीकरण के विरोध में प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन भाजपा जिलाध्यक्ष चौधरी हरेंद्र सिंह रिंकू को सौंपा। यह कार्रवाई 29 नवंबर को हुई थी। बुधवार को संभल कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला कोट पूर्वी स्थित दरगाह मंदिर पर पंजाबी समुदाय के अनुयायियों ने भजन-कीर्तन भी किया। ज्ञापन में बताया गया है कि डीडीए और एमसीडी के अधिकारी भारी पुलिस बल और स्थानीय एसडीएम के साथ अचानक मंदिर-दरगाह पहुंचे। उन्होंने आसपास के कुछ मकानों को तोड़ने की बात कही और मंदिर की बाउंड्रीवाल, तुलसी वाटिका, पानी की टंकियां, सीवर लाइन, अस्थायी लंगर हॉल, बिजली पैनल रूम, जनरेटर रूम और लोहे के गेट सहित धार्मिक उपयोग में आने वाले कई निर्माण ध्वस्त कर दिए। इस कार्रवाई के कारण लगभग 15 घंटे तक भगवान का भोग, नित्य नियम, आरतियां और अन्य सभी धार्मिक कार्यक्रम बाधित रहे। मंदिर-दरगाह प्रबंधन का दावा है कि यह स्थान 3803 वर्ग गज भूमि पर स्थित है, जिस पर 1948 से उनका कब्जा है और 1973 से विधिवत लीज भी उपलब्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सीमा के बाहर किसी से कोई विवाद नहीं है। ज्ञापन सौंपने वालों में जागेश गंभीर, सचिन राधू, गुलशन चाबा, हरिओम गंभीर, कमल अरोड़ा, योगेश मदान, नमन गंभीर, ओम अरोड़ा, शिवनाथ अरोड़ा और कुलवीर सिंह सहित दर्जनों लोग शामिल थे। भाजपा जिलाध्यक्ष चौधरी हरेंद्र सिंह रिंकू ने कहा कि उन्होंने प्रबंध कमेटी बाबा रतन पीर बाबा शाखा संभल के अनुयायियों से ज्ञापन लिया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे इस ज्ञापन के साथ अपना पत्र संलग्न कर दिल्ली सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजेंगे। उन्होंने कहा कि वे भक्तों के साथ पूरी तरह खड़े हैं। अनुयायियों ने बताया कि ध्वस्तीकरण में तुलसी वाटिका पूरी तरह नष्ट कर दी गई और भंडार गृह पर भी कब्जा कर लिया गया। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि इस स्थान पर एक विशाल मेला लगता है, जिसमें देश-विदेश से बड़ी संख्या में लोग आते हैं।
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