मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद एक बार फिर चर्चा में है। श्रीकृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास के अध्यक्ष दिनेश शर्मा फलाहारी ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के पूर्व अधिकारी केके मोहम्मद के बयान का समर्थन किया है। उन्होंने मुस्लिम समुदाय को मस्जिद स्थानांतरित करने पर 10 करोड़ रुपये और 10 एकड़ भूमि देने की पेशकश की है। केके मोहम्मद, जो 2012 में ASI से सेवानिवृत्त हुए थे, ने हाल ही में कहा था कि मुस्लिम समुदाय को मथुरा और काशी (ज्ञानवापी) पर अपना दावा छोड़ देना चाहिए। उनके अनुसार, ये दोनों स्थल ऐतिहासिक और धार्मिक रूप से प्राचीन हिंदू मंदिरों से जुड़े हैं। उन्होंने दावा किया कि इन स्थलों के नीचे मंदिरों के पर्याप्त सबूत मौजूद हैं, जैसा कि बाबरी मस्जिद सर्वे (1976) के दौरान सामने आया था। केके मोहम्मद के इस बयान का समर्थन करते हुए, दिनेश शर्मा फलाहारी ने कहा कि यदि मुस्लिम समुदाय मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर के पास स्थित मस्जिद को कहीं और स्थानांतरित करने पर सहमत होता है, तो संघर्ष न्यास नई मस्जिद के निर्माण के लिए 10 करोड़ रुपये और 10 एकड़ भूमि उपलब्ध कराएगा। फलाहारी ने कहा, “केके मोहम्मद एक पढ़े-लिखे इतिहासकार हैं और वे जानते हैं कि इन स्थलों के नीचे मंदिरों के प्रमाण मौजूद हैं। यदि मुसलमान भाई आपसी सहमति से मस्जिद को दूसरी जगह स्थानांतरित करते हैं, तो यह सांप्रदायिक सौहार्द की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।” दिनेश शर्मा फलाहारी के इस बयान ने मथुरा में चल रहे विवाद को नई दिशा दी है। हालांकि, मुस्लिम पक्ष की ओर से इस प्रस्ताव पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। 6 दिसंबर जैसे संवेदनशील दिन के करीब आते ही मथुरा में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
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