महाकुंभ के दौरान चर्चा में रहीं सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हर्षा रिछारिया इन दिनों प्रयागराज में हैं। उन्होंने दैनिक भास्कर से खास बातचीत में आतंकवाद, फिल्म इंडस्ट्री से मिले ऑफर, लव जिहाद, महिला सशक्तिकरण और अपने आने वाले बड़े अभियान को लेकर खुलकर बात की। उन्होंने कहा- देशविरोधी ताकतों का समर्थन कोई आम नागरिक भी नहीं कर सकता, फिर कोई संत या अखाड़े से जुड़ा व्यक्ति ऐसा करे, यह बिल्कुल अनुचित है। हर्षा ने बताया- महाकुंभ के बाद उन्हें फिल्म इंडस्ट्री से ऑफर मिले हैं। लेकिन मैंने धर्म और समाज की सेवा का रास्ता चुना है। मैं उससे पीछे नहीं हटूंगी। उन्होंने दिसंबर में प्रयागराज से शुरू होने वाले अपने अभियान को लेकर भी बड़ा प्लान शेयर किया। जिसका मुख्य उद्देश्य युवाओं, महिलाओं और बेटियों को धर्म, संस्कृति और परंपराओं से जोड़ना है। क्योंकि अगर बेटियां अपनी जड़ों से जुड़ेंगी तो वृद्धाश्रम, नशा, लव जिहाद और धर्मांतरण जैसी समस्याएं कम होंगी। पढ़िए पूरा इंटरव्यू… सवाल. ममता कुलकर्णी ने हाल ही में दाऊद इब्राहिम को आतंकी न कहने का बयान दिया है। आप इस पर क्या कहना चाहेंगी?
जवाब. इस मामले पर मैं सीधी टिप्पणी नहीं करूंगी। लेकिन इतना जरूर कहूंगी कि जो व्यक्ति देश के खिलाफ रहा है, जिसने कई बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया है। उसके समर्थन में कोई आम व्यक्ति भी नहीं खड़ा हो सकता। अगर कोई किसी अखाड़े या धर्म के महत्वपूर्ण पद पर आसीन है, तो उसे ऐसे विषयों पर टिप्पणी करने से और विशेषकर किसी आतंकी के हित में बोलने से बिल्कुल बचना चाहिए। सवाल. महाकुंभ के दौरान आप काफी सुर्खियों में रहीं, क्या अब आपको फिल्म इंडस्ट्री से ऑफर आ रहे हैं?
जवाब. हां फिल्मों के काफी ऑफर आ रहे हैं। देखा जाए तो पहले से ज्यादा। लेकिन अब मुझे कई बार मना करना पड़ता है। मेरे हितैषी कहते हैं कि आर्थिक परेशानियां हों तो वापस इंडस्ट्री में जाकर कमा लो, फिर लौट आना। पर मैंने तय कर लिया है कि मुझे किस रास्ते पर चलना है और जब नीयत साफ हो, तो कठिनाइयों में भी ईश्वर साथ देते हैं। सवाल. माघ मेला 3 जनवरी से शुरू हो रहा है। क्या इस बार आप कल्पवास करेंगी?
जवाब. नहीं, मेरा ऐसा कोई प्लान नहीं है। पिछली बार महाकुंभ में भी मैंने सोचा नहीं था। लेकिन ईश्वर की इच्छा से 22–23 दिन रुक गई। इस बार मैं सिर्फ कार्यक्रमों में आकर मंच से अपनी बात रखूंगी और अधिक से अधिक लोगों से जुड़ने का प्रयास करूंगी। सवाल. दिसंबर में प्रयागराज से आप एक बड़ा अभियान शुरू करने जा रही हैं। इसका उद्देश्य क्या है?
जवाब. 20 से 25 दिसंबर के बीच हम एक दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे। जो धीरे-धीरे देशभर में ले जाया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य है, युवाओं, बेटियों और महिलाओं को उनके धर्म, संस्कृति, परंपराओं और जड़ों से जोड़ना। हम महिला सशक्तिकरण, नारी शक्ति और आदिशक्ति की अवधारणा को समाज तक पहुंचाना चाहते हैं। हमारा मानना है कि यदि बेटियां अपनी संस्कृति से जुड़ेंगी, तो वृद्धाश्रमों की संख्या घटेगी, धर्म परिवर्तन, नशा और लव जिहाद जैसी समस्याएं कम होंगी। सवाल. लव जिहाद पर आपका रुख क्या है, लव जेहाद से बेटियों को बचाने के लिए आप क्या करने वाली है?
जवाब. लव जिहाद में टारगेट सिर्फ हिंदू लड़कियों को किया जाता है। कई रिपोर्ट्स में यह साफ हुआ है कि किस जाति की कितनी लड़कियों को निशाना बनाने के निर्देश दिए जाते हैं। न्यूक्लियर परिवारों के कारण बच्चों को वैसी परवरिश नहीं मिल पा रही, जिससे उन्हें भटकाना आसान हो गया है। हमें बेटियों को अपनी संस्कृति से जोड़ना होगा और उन्हें बताना होगा कि हमारे धर्म में कितनी वीरांगनाएं हुई हैं जिन्होंने धर्म नहीं छोड़ा। सवाल. आपके कार्यक्रम में लड़कियों को लव जिहाद से कैसे बचाया जाएगा?
जवाब. मैं हमेशा यह दिखाने का प्रयास करती हूं कि मैं खुद किस प्रोफेशन से निकलकर यहां तक पहुंची हूं, तो बेटियां भी सक्षम हैं। हम उन्हें उनके भीतर छिपी शक्ति का बोध कराएंगे। नारी जन्म दे सकती है और विनाश भी कर सकती है। तो वह इतनी कमजोर कैसे हो सकती है कि किसी की बातों में फंस जाए? हम अब कैंप लगाकर शस्त्र विद्या और शास्त्र विद्या दोनों सिखाने की योजना बना रहे हैं, ताकि बेटियां अपनी रक्षा के लिए किसी पर निर्भर न रहें। सवाल. आपने अपने अभियान की शुरुआत प्रयागराज से ही क्यों चुनी?
जवाब. क्योंकि प्रयागराज ने मुझे बहुत कुछ दिया है। महादेव की कृपा से मुझे नई पहचान मिली। थोड़ा बुरा समय भी आया, लेकिन अच्छा बहुत ज्यादा मिला। मैं इस भूमि से आत्मिक जुड़ाव महसूस करती हूं, इसलिए मेरा हर नया धार्मिक कार्य यहीं से शुरू होना चाहिए। सवाल. शादी को लेकर क्या कोई प्लान है आपका?
जवाब. फिलहाल शादी का कोई प्लान नहीं है। लेकिन अगर सही समय पर ऐसा जीवनसाथी मिला, जिसकी सोच, लक्ष्य और मार्ग मेरे जैसे हो। जो धर्म और समाज के लिए काम करना चाहता हो। तो शादी करने में कोई बुराई नहीं। मैं सन्यासी नहीं हूं। पर अभी मेरा पूरा ध्यान सिर्फ काम पर है। आइए जानते हैं कौन हैं हर्षा रिछारिया… महाकुंभ में निरंजनी अखाड़े के पेशवाई के रथ पर बैठने पर हर्षा रिछारिया चर्चा में आईं थीं। पेशे से मॉडल, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हर्षा रिछारिया का साध्वी रूप देखकर संत समाज के लोगों ने आपत्ति जताई थी। मामले को तूल पकड़ता देख उन्होंने बीच में ही महाकुंभ छोड़ दिया था। रोते हुए उन्होंने मीडिया सुसाइड की धमकी भी दी थी। मध्य प्रदेश की रहने वाली हैं हर्षा रिछारिया का परिवार मूलत: था उत्तर प्रदेश के झांसी का रहने वाला है। उनके पिता दिनेश बस कंडक्टर और मां किरण रिछारिया बुटीक चलती हैं। एक भाई कपिल भी है जो प्राइवेट जॉब करता है, पूरा परिवार मध्य प्रदेश के भोपाल में रहता है। आध्यात्म से पहले स्टेज एंकर और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर रही हैं। इंस्टाग्राम और फेसबुक पर उनके अच्छे फॉलोअर्स हैं, सनातन संस्कृति के प्रचार-प्रसार से जुड़े वीडियो बनाती हैं। ग्रेजुएट हैं और अहमदाबाद से योगा स्पेशल कोर्स कर रखा है। आध्यात्मिक से लगाव बढ़ा तो उन्होंने स्वामी कैलाशानंद गिरि से दीक्षा ले ली। उत्तराखंड में रहती हैं हर्षा, इंस्टाग्राम पर 10 लाख फॉलोअर्स हर्षा उत्तराखंड में रहती हैं। वह पीले वस्त्र, रुद्राक्ष माला और माथे पर तिलक धारण करती हैं। उनके इंस्टाग्राम पर 10 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं। हर्षा इंस्टाग्राम पर धार्मिक और आध्यात्मिक विषयों से जुड़े कंटेंट साझा करती हैं। वह निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज की शिष्या हैं। ———————————–
ये खबर भी पढ़ें
वृंदावन के कथावाचक इंद्रेश की रॉयल वेडिंग का VIDEO; गोल्डन जोड़े में शिप्रा ने फेरे लिए; कुमार विश्वास बोले- अब धीरेंद्र शास्त्री का नंबर वृंदावन के कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय ने हरियाणा की शिप्रा शर्मा के साथ जयपुर में सात फेरे लिए। जयपुर में 101 पंडितों ने फेरे और शादी की रस्में पूरी करवाईं। दुल्हन शिप्रा शर्मा गोल्डन कलर की साड़ी में नजर आईं। पूरे देश से आए संतों ने वर-वधू को आशीर्वाद दिया। धीरेंद्र शास्त्री की शादी को लेकर कुमार विश्वास ने मजाकिया अंदाज में कहा कि- अब इन्हीं का नंबर है। पढ़िए पूरी खबर
https://ift.tt/fCnbH4F
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply