हापुड़ के जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय कुमार सिंह प्रथम की अदालत ने दहेज हत्या के एक मामले में पति को दस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। जबकि सास और ससुर को सात-सात वर्ष के कारावास से दंडित किया गया है। न्यायालय ने सभी अभियुक्तों पर 31,500 रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। दरअसल, यह मामला पिलखुवा कोतवाली क्षेत्र का है। मोहल्ला भीमनगर निवासी राजू ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी सोनिया की शादी 16 जुलाई 2019 को पिलखुवा के गांव गालंद निवासी सचिन से हुई थी। शादी में दिए गए दहेज से ससुराल वाले खुश नहीं थे और सोनिया को प्रताड़ित करने लगे। सोनिया के पति सचिन, देवर नितिन, ननद रानी व भारती, सास लक्ष्मी और देवरानी रेनू उस पर अतिरिक्त दहेज के रूप में दो लाख रुपए की मांग का दबाव बना रहे थे। सोनिया ने यह बात अपने रिश्तेदारों जितेंद्र और महेंद्र को बताई, जिन्होंने ससुराल वालों को समझाने का प्रयास किया। जब बात नहीं बनी, तो पीड़ित परिवार ने थाना हापुड़ देहात में शिकायत की। कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए आरोपियों ने सोनिया को साथ रखने पर सहमति जताई थी। हालांकि, इसके बाद भी ससुराल पक्ष ने दहेज के लिए सोनिया के साथ मारपीट की और उसे घर से निकाल दिया। 27 अक्टूबर 2022 को सचिन और लक्ष्मी एक बार फिर राजू के घर आए और सोनिया को यह कहकर अपने साथ ले गए कि अब वे दहेज की मांग नहीं करेंगे। लेकिन 30 अक्टूबर 2022 को सोनिया ने फोन कर बताया कि सचिन, नितिन, महेश, लक्ष्मी, रानी, भारती और रेनू ने दहेज के लिए उसकी पिटाई की है। अगली सुबह राजू को फोन पर सूचना मिली कि सोनिया की दहेज के लिए हत्या कर दी गई है। पुलिस ने लक्ष्मी, महेश और सचिन के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय कुमार सिंह प्रथम ने साक्ष्यों के आधार पर लक्ष्मी, महेश और सचिन को दोषी ठहराया। पति सचिन को दस वर्ष का कारावास और सास लक्ष्मी व ससुर महेश को सात-सात वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई है।
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