इटावा में पांच साल पुराने दहेज हत्या मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुनीता शर्मा की अदालत ने गुरुवार को अहम फैसला सुनाया। अदालत ने मां-बेटे और चाचा ससुर को उम्रकैद की सजा सुनाई है। पति राहुल पर 30 हजार रुपये, जबकि सास सुनीता देवी और चचिया ससुर सुरेंद्र पर 20-20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। जुर्माना न भरने पर तीनों को तीन-तीन माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। यह मामला 11 मार्च 2020 को शुरू हुआ था। औरैया जिले के अछल्दा थाना क्षेत्र के सुभानपुर निवासी सहदेव उर्फ सुमित ने चौबिया थाने में अपनी बहन ममता देवी की हत्या का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी। शिकायत के अनुसार, ममता की शादी वर्ष 2014 में बरालोकपुर निवासी राहुल से हुई थी। शादी के कुछ समय बाद ही ससुराल पक्ष बाइक और 50 हजार रुपये की दहेज की मांग को लेकर उसे प्रताड़ित करने लगा। संतान न होने पर उसे ताने दिए जाते थे और जान से मारने की धमकी भी दी जाती थी। आरोप है कि 24 फरवरी 2020 को ममता पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी गई, जिससे वह गंभीर रूप से झुलस गई। परिजनों ने उसे तत्काल आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई में भर्ती कराया। उपचार के दौरान 5 मार्च 2020 को ममता की मौत हो गई। मरने से पहले उसने अपने बयान में पति राहुल, सास सुनीता और चचिया ससुर सुरेंद्र पर आग लगाने का आरोप लगाया था। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। छानबीन पूरी होने के बाद आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया गया। यह मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम में चला। लंबी सुनवाई के बाद, साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर अदालत ने तीनों आरोपियों को दोषी करार दिया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
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